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CG News: सरगुजा में जर्जर भवन में विश्वविद्यालय; कुलपति दफ्तर की छत गिरी, नया कैंपस बनाने नहीं मिल रहा बजट

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संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय

CG News: सरगुजा संभाग के इकलौते संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुलपति के कार्यालय के कक्ष का छत अचानक टूट कर गिर गया, हालांकि इस दौरान अपने कार्यालय में कुलपति नहीं थे, ऐसे में बड़ा हादसा टल गया. पिछले 16 सालों से संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय का संचालन एक जर्ज़र भवन में मरम्मत कर किया जा रहा है. वही विश्वविद्यालय का नया कैंपस बजट के अभाव में बनकर तैयार नहीं हो सका है.

विश्वविद्यालय के लिए 8 साल पहले नए कैंपस निर्माण के लिए काम शुरू हुआ था लेकिन पिछले 6 सालों से इस कैंपस का निर्माण पूरा करने के लिए ₹1 पैसे नहीं मिले हैं इसके कारण अधूरा निर्माण भी जर्जर होने लगा है वहीं वर्तमान में विश्वविद्यालय छोटे से जर्जर भवन में संचालित किया जा रहा है ऐसे में आलीशान और भव्य विश्वविद्यालय परिसर बनाने का सपना अधूरा दिखाई दे रहा है.

करोड़ों खर्च करने के बाद भी जर्जर भवन में विश्वविद्यालय

सरगुजा में जब विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की गई तब लोगों में जबरदस्त उत्साह का माहौल था. वहीं युवाओं को लगने लगा था कि अब उन्हें उच्च शिक्षा बड़ी आसानी से क्वालिटी के साथ मिलेगी और उन्हें सरगुजा से बाहर नहीं जाना पड़ेगा लेकिन नए विश्वविद्यालय का नया परिसर बनकर तैयार हो इस दिशा में अब तक कोई ठोस पहल ही नहीं किया गया। विश्वविद्यालय के नए कैंपस निर्माण के लिए सरकार की तरफ से करीब 20 करोड़ रुपए जारी किए गए जिसमें से 14 करोड़ रुपए विश्वविद्यालय परिसर के निर्माण में लगा तो छ्ह करोड रुपए विश्वविद्यालय को संचालित करने के लिए अन्य जरूरी सामान खरीदने में खर्च कर दिए गए जबकि 20 करोड रुपए में विश्वविद्यालय में परिसर का निर्माण पूरा कर लिया जाना था लेकिन इस राशि के बाद दोबारा सरकार से पैसे नहीं मिले और विश्वविद्यालय में कई भवन का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है और अधूरे भगन जर्जर होने लगे हैं.

विश्वविद्यालय का संचालन वर्तमान में पुराने सीएमएचओ कार्यालय में किया जा रहा है और गिनती के कमरों में पूरा विश्वविद्यालय संचालित किया जा रहा है जबकि इससे अधिक कमरे तो स्कूलों में होते हैं लेकिन जिम्मेदारों का कहना है कि नए परिसर निर्माण के लिए पैसे नहीं मिलने की वजह से ऐसी हालत बनी हुई है. वहीं इसके कारण विश्वविद्यालय के द्वारा नए विभाग भी शुरू नहीं किया जा रहे हैं, तो विश्वविद्यालय के द्वारा कई विभागों की कक्षाएं स्कूल के कमरों में सालों से संचालित की जा रही है. जहां कई कक्षाओं को स्मार्ट क्लास से जोड़ा गया है लेकिन वह भी यहां पर फेल होता हुआ दिखाई दे रहा है हद तो यह है कि विश्वविद्यालय के नए परिसर निर्माण को पूरा करने के लिए पैसे नहीं मिलने पर स्थानीय जनप्रतिनिधि भी कोई ठोस पहल नहीं कर रहे हैं यही वजह है कि सरगुजा के छात्र-छात्राओं का उच्च शिक्षा के लिए अभी भी पलायन करना पड़ रहा है.

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नया कैंपस बनाने नहीं मिल रहा बजट

विश्वविद्यालय की स्थापना 2008 में किया गया. पहले सरगुजा विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता था. विश्वविद्यालय के नए परिसर में कुल 6 भवनो का किया जाना है निर्माण. अब तक सिर्फ यूटिलिटी और ऑडिटोरियम का ही किया जा सका है निर्माण. लाइब्रेरी, कुलपति आवास, कुल सचिव आवास और गेस्ट हाउस का निर्माण पड़ा हुआ है अधूरा, विश्वविद्यालय के नए कैंपस के निर्माण के लिए सरकार ने पहली बार जारी किया था 20 करोड रुपए। समय पर निर्माण पूरा नहीं होने की वजह से लागत हो दुगुनी हो गई. वहीं 14 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए, लेकिन अब तक विश्वविद्यालय को नहीं मिल सके हैं. फिलहाल पैसे के अभाव में ठेकेदार काम बंद कर भाग चुका है. ग्रंथालय का निर्माण 4.19 करोड़ में होना था, लेकिन अब इसका निर्माण पूरा करने में 8.46 करोड रुपए खर्च होंगे. ऑडिटोरियम का निर्माण 5.99 करोड़ में होना था, लेकिन इस पर 7 करोड रुपए खर्च हो रहे हैं। कुलपति आवास का निर्माण 61 लाख में होना था, लेकिन अब लागत बढ़कर 69 लाख हो गया है. कुलसचिव आवास का निर्माण 50.99 लाख में होना था, लेकिन अब लागत 57.44 लाख हो गया है. गेस्ट हाउस का निर्माण 1.57 करोड़ में होना था, लेकिन लागत 1.96 करोड़ हो गया.

दूसरी तरफ विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि नए परिसर में यूटिलिटी भवन हैंडओवर हो चुका है, वहीं ऑडिटोरियम निर्माण भी अब पूर्ण होने के कगार पर है और इन्हीं दो भवनों में 15 नवंबर के बाद विश्वविद्यालय का संचालन शुरू किया जाएगा. यूटिलिटी भवन में फार्मेसी की क्लास शुरू की जाएगी तो ऑडिटोरियम को प्रशासनिक भवन के रूप में उपयोग में लाया जाएगा. वहीं दूसरी तरफ शहर से इस नए कैंपस की दूरी करीब 12 किलोमीटर होने की वजह से विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के लिए एक बस भी खरीद रहा है, ताकि छात्र विश्वविद्यालय परिसर में बस के माध्यम से आना-जाना कर सके लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर विश्वविद्यालय के नए परिसर में निर्माण कार्य पूरा करने के लिए पैसे कब जारी होंगे, टेंडर कब जारी किया जाएगा और कब काम शुरू होगा और कब तक निर्माण कार्य पूरा हो पाएगा, क्योंकि विश्वविद्यालय तक पहुंचाने के लिए अभी ठीक से सड़क भी नहीं बन पाई है. ऐसे में 15 नवंबर से यहां क्लास शुरु करना किसी चैलेन्ज से कम नहीं है.

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