CG News: छत्तीसगढ़ में जल्द ही नगरी निकाय चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है. ऐसे में चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई है. मेयर के लिए आरक्षण प्रक्रिया संपन्न होने के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए भी आरक्षण प्रक्रिया संपन्न हो गई है, लेकिन इस बीच जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए तय हुए आरक्षण को लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़ा कर दिया है. कांग्रेस का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए OBC को आरक्षण नहीं दिया गया जो कि पूरे ओबीसी समाज का अपमान है. कांग्रेस द्वारा खड़े किए गए इस सवाल पर प्रदेश में सियासत गरमा गई है.
पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण पर बवाल
छत्तीसगढ़ में निर्वाचन आयोग कभी भी नगरी निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव का ऐलान कर सकती है. ऐसे में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राजनीतिक दल अपनी तैयारी में जुट गई है. चुनाव से पहले सरकार ने आरक्षण की प्रक्रिया को भी संपन्न कर लिया है, लेकिन इस बीच जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए तय हुए आरक्षण को लेकर सियासत शुरू हो गई है.
दरअसल 11 जनवरी को रायपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए आरक्षण प्रक्रिया संपन्न हुई. इस प्रक्रिया के तहत प्रदेश के सभी 33 जिलों के लिए आरक्षण तय कर लिया गया. इस संबंध में पंचायत संचालनालय ने जिलों के लिए तय हुए आरक्षण के सूची जारी कर जानकारी दी है, लेकिन इस सूची में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद के लिए प्रदेश में एक भी सीट पर OBC को आरक्षण नहीं दिया गया, जिसे लेकर कांग्रेस पार्टी सरकार पर हमलावर है, पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व डिप्टी सीएम तक सरकार को घेर रहे हैं.
आरक्षण में OBC को नहीं मिली जगह, इसलिए हो रहा विवाद
इसमें अनुसूचित जनजाति के लिए 8, अनुसूचित जनजाति महिला के लिए 8, अनुसूचित जाति के लिए 2, अनुसूचित जाति महिला के लिए 2, अनारक्षित के लिए 6 और अनारक्षित महिला के लिए 7 सीट आरक्षित किया गया. जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए तय हुए आरक्षण के मुताबिक ओबीसी के उम्मीदवार केवल अनारक्षित सीटों पर ही चुनाव लड़ सकते हैं.
OBC के साथ अन्याय कर रही सरकार – भूपेश बघेल
ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल उठाया है कि जिस प्रदेश में 50 फीसदी आबादी ओबीसी की है, तो फिर ओबीसी को आरक्षण का लाभ क्यों नहीं दिया गया. भूपेश बघेल ने कहा है कि सबसे बड़े वर्ग के साथ अन्याय हुआ. हमारे कार्यकाल में अच्छी ख़ासी सीटें OBC के लिए आरक्षित थी. OBC के साथ सरकार अन्याय कर रही है, वहीं पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है.
पिछड़ा वर्ग के साथ हुआ बड़ा धोखा – अमरजीत भगत
अमरजीत भगत ने कहा है कि पिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है. कांग्रेस के सरकार में जिला पंचायत को 7 सीटें मिली थी. भाजपा की सरकार में एक भी सीट नहीं दिया गया. पूर्व मुख्यमंत्री ने इस सूची को रद्द कर संशोधित सूची जारी करने की मांग की है.
मंत्री तोखन साहू ने दिया जवाब
कांग्रेस के इन आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया है. केंद्र राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि भूपेश बघेल को केवल राजनीति करनी है. विधानसभा चुनाव में जनता ने कांग्रेस को घर बैठा दिया. लोकसभा में भी जनता ने घर बैठा दिया. अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी ये घर में बैठेंगे. नियम और प्रक्रिया के तहत ही आरक्षण हुआ है. वहीं डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि अपने ही व्यक्ति को उच्च न्यायालय भेज कर कांग्रेस ने स्टे लगवाया आरक्षण पर, कांग्रेस ने ओबीसी कमिशन को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया. कांग्रेस का इतिहास है अन्य पिछड़ा वर्ग का शोषण करने का.
छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव होने में बहुत कम समय का वक्त रह गया है ऐसे में चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है राजनीति भी तेज होती जा रही है. अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर सियासत कितनी गरमाती है.