CG News: छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर पर बसे नक्सल प्रभावित कोंंटा ब्लॉक मुख्यालय में स्थित मुख्यमंत्री सुपोषण केंद्र में बड़ा घोटाला सामने आया है. बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से मुक्त करने के लिए वितरित किया जाने वाला रेडी टू ईट पोषण आहार आंगनबाड़ी केंद्रों की जगह खुले बाजार मेंं बेचा जा रहा है. शनिवार को अफसरों ने अवैध परिवहन करते एक पिकअप वाहन को पकड़ा है जिसमें करीब 30 क्विंटल रेडी टू ईट पोषण आहार बरामद किया गया है. आपको बता दें कि रेडी टू ईट फूड के पैकेट में साफ तौर पर निर्देशित है कि इसे खरीदा या बेचा जाना दंडनीय अपराध है. फिर भी ये पैकेट्स पिकअप वाहन से बरामद किया गया जो जांच का विषय है.
मामला प्रकाश में आने के बाद कोंटा ब्लॉक मुख्यालय स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में एसडीएम द्वारा निरीक्षण किया गया. जहां 20 किलो के 90 बोरी एक्सपायर हो चुका पोषण आहारा बरामद हुआ. वहीं 50 किलो के 55 बोरी वैध पोषण भी मौके से बरामद किया गया है. पूरे मामले को देखते हुए एसडीएम कोंटा ने महिला एवं बाल विकास के अफसरों से जानकारी लेनी चाही लेकिन शनिवार को संबंधित विभागीय अधिकारी के मुख्यालय से बाहर होने की वजह से बयान दर्ज नहीं किया जा सका है. निरीक्षण के दौरान केंद्र के पीछे रेडी टू ईट फूड के जले हुए पैकेट भी बरामद किए गए हैं. अंदेशा जताया जा रहा है कि एक्सपायर हो चुके पैकेटस को जिम्मेदारों ने जला दिया है.
पोषण आहार पशु पालकों को बेचने की थी तैयारी
मिली जानकारी के अनुसार जिस पिकअप वाहन से पोषण आहार बरामद किया गया है, वह कोंटा में संचलित एकलव्य आवासीय विद्यालय के प्रिंसिपल की है. उक्त मामले में प्रिंसिपल से भी पूछताछ की जा रही है. बताया जाता है कि कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाला पोषण आहार लंबे समय से आंध्र व तेलंगाना के पशु पालकों और डेयरी फार्म में बेचा जा रहा था. शनिवार को सूचना पर राजस्व विभाग की कार्रवाई ने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के कुपोषण दूर करने के दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस पूरे मामले पर कोंटा परियोजना अधिकारी दीक्षा वैद्य से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
कोंटा में आंगनबाड़ी केन्द्रों का बुरा हाल
कोंटा ब्लॉक पूरे प्रदेश में घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नाम से जाना जाता है. दशकों से माओवादियों का कब्जा होने की वजह से यहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. दुर्गम व पहुंचविहीन होने की वजह से शासन की योजनाएं से आदिवासी सालों से महरूम हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों का बूरा हाल होने की वजह से भी यहां कुपोषण दर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
बड़ी मात्रा में रेडी टू ईट फूड के पैकेट बरामद हुए हैं. 5-5 किलो के पैकेट को फाड़कर 50 किलो के प्लास्टिक की बोरी में भरा गया है. कई पैकेट एक्सपायर हो चुके हैं. आईसीडीएस के जिम्मेदार अफसरों को भी तलब किया गया है. आखिर रेडी टू ईट फूड के पैकेट्स को क्यों फाड़ के बोरियों में भरा जा रहा है, इस पूरे मामले की जांच की जा रही है.