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CGPSC Scam केस में बड़ी कार्रवाई: टामन सोनवानी का भतीजा अरेस्ट, CBI ने दो आरोपियों की लिया रिमांड पर

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CBI को मिली रिमांड

CGPSC Scam: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाला मामले में CBI ने बड़ा एक्शन लिया है. CBI ने शनिवार को छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी के भतीजे नितेश सोनवानी और पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर को गिरफ्तार किया. इसके बाद दोनों को आज सौम्या राय की कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 13 जनवरी तक CBI की रिमांड पर भेज दिया है.

टामन सोनवानी का भतीजा गिरफ्तार

CBI ने टामन सोनवानी के बेहद करीबी माने जाने वाले भतीजे नितेश सोनवानी को गिरफ्तार किया है. नितेश सोनवानी का भी चयन PSC में हुआ था. आरोप है कि गड़बड़ी के तहत ही नितेश सोनवानी का चयन PSC एग्जाम में हुआ था. इसीलिए CBI ने नितेश को गिरफ्तार कर पूछताछ करने के लिए रिमांड पर लिया.

पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर भी गिरफ्तार

नितेश के अलावा दूसरे आरोपी ललित गनवीर, जो पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर हैं उन्हें भी गिरफ्तार किया गया है. जिस वक्त टामन सिंह सोनवानी CGPSC के अध्यक्ष थे उस दौरान डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर की भूमिका में ललित गनवीर थे. ललित पर भी गड़बड़ी में शामिल होने का आरोप लगा है. अब तक इस पूरे घोटाले में चार लोगों को CBI गिरफ्तार कर चुकी है. इससे पहले एग्जाम कंट्रोलर आरती वासनिक से भी CBI ने पूछताछ की थी. हालांकि, CBI ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था.

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बचाव पक्ष के वकील फैसल रिजवी ने कहा कि पूर्व में इस मामले में टामन सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल की गिरफ्तारी हुई है. इस मामले में ही नितेश और ललित को गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई ने कोर्ट में दोनों की रिमांड मांगी है. कोर्ट का जैसा आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा.

CGPSC घोटाला

बता दें कि डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत कई पदों के लिए साल 2020 से 2022 के दौरान हुई CGPSC परीक्षा में टामन सोनवानी के रिश्तेदार समेत कुछ VIP लोगों के करीबी रिश्तेदारों के चयन पर सवाल उठे थे. इन्हीं आरोपों के आधार पर CBI ने मामला दर्ज किया था. इस केस की जांच जारी है. इस मामले में CBI की टीम CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

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CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है. ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में मामला दर्ज किया है. आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है.

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