Lok Sabha Election 2024: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद भाजपा अब लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ मंत्रिमंडल के स्वरूप से यह साफ हो गया कि एक-एक चेहरे और वर्गों को ध्यान में रखा गया है और 11 लोकसभा सीटों के लिए भाजपा ने जातिगत फॉर्मूला बनाया है.
सरकार के श्रेष्ठ पदों से छत्तीसगढ़ साधने का प्रयास
छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री और स्पीकर के नाम के ऐलान से भाजपा ने प्रदेश के सभी वर्गों को साधने का प्रयास किया है. मुख्यमंत्री आदिवासी समाज से, उपमुख्यमंत्री ओबीसी और ब्राह्मण समाज से, स्पीकर राजपूत समाज से बनाकर सभी वर्गों को साधने के लिए पॉलिटिकल इंजीनियरिंग की गई है.
विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बना कर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना और पूर्वोत्तर के राज्यों में आदिवासी समुदाय के विश्वास को जीतने का प्लान है. इसके अलावा साय पर छतीसगढ़ की लोकसभा की 11 में से 4 आरक्षित सीटों पर भी नजरें होंगी.
डिप्टी सीएम अरुण साव की भी जिम्मेदारी लोकसभा के हिसाब से तय कर दी गई है. अरुण साव ओबीसी वर्ग से आते हैं और छत्तीसगढ़ में लगभग 42% जनसंख्या ओबीसी वर्ग की है. इसके अलावा बिलासपुर संभाग, रायपुर संभाग और दुर्ग संभाग में ओबीसी वोटर्स का दबदबा रहता है. ऐसे में इन संभाग से आने वाली लोकसभा सीटों को जीतने की जिम्मेदारी अरुण साव पर होगी.
ब्राह्मण समाज से आते हैं विजय शर्मा
विजय शर्मा ब्राह्मण समाज से आते हैं और छत्तीसगढ़ में एक बड़े हिंदुत्व के चेहरे के रूप में उभर कर सामने आए हैं. ऐसे में हिंदुत्व के साथ में ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी विजय शर्मा पर है.
इसके अलावा रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष के रूप में काम करने की जिम्मेदारी मिली है, जिन्होंने 2003 से 2018 तक तीन बार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में बड़ी जिम्मेदारी संभाली है. वे प्रदेश की राजनीति को करीब से समझते हैं और स्पीकर बनने के बाद भी प्रदेश की राजनीति से बाहर नहीं जाएंगे. 2004, 2009 ,2014 में रमन सरकार के दौरान भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 3 बार लोकसभा की अधिकांश सीटे जीती हैं जिसमे रमन सिंह की अहम भूमिका रही है.
चुनावी चक्रव्यूह में मंत्रियों की प्लेसमेंट
चुनावी चक्रव्यूह में मंत्रियों की जगह भी फिक्स कर दी गई है. नए पुराने क्षेत्रीय और जातियों को देखते हुए मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंप गई है. इसमें 3 अलग-अलग जगह से आदिवासी मंत्रियों को जगह दी गई है जिसमे, सीएम विष्णु देव साय, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप का नाम शामिल हैं. ओबीसी वर्ग से 12 में से 6 मंत्री अरुण साव, लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, ओपी चौधरी, टंक राम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े आते हैं. राज्य मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति से एक मंत्री दयालदास बघेल का नाम शामिल है. सामान्य वर्ग से दो मंत्री विजय शर्मा और बृजमोहन अग्रवाल होंगे. वहीं राजवाड़े मंत्रिमंडल में एकमात्र महिला सदस्य होंगी.