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Chhattisgarh: सूरजपुर जिले में 20 हजार गर्भवती महिलाएं और सिर्फ 4 सोनोग्राफी मशीनें, घंटो इंतज़ार के बाद भी नहीं आते डॉक्टर

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैयाथन

Chhattisgarh News: सूरजपुर जिले में गर्भवती महिलाओ की जांच हो सके. इसके लिए जिले के नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में से चार में सोनोग्राफी मशीन है, लेकिन डाक्टरों की कमी के कारण महिलाओं की जांच नहीं हो पा रही है, महिलाएं जांच और इलाज के लिए इसकी वजह से पूरे दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बैठकर डाक्टर का इंतज़ार कर रही है. वहीं जिले के आधे ग्रामीण इलाकों में महिलाए जांच के लिए अस्पताल तब पहुंच रहीं हैं, लेकिन इससे हालत गंभीर हो रही है. वहीं व्यवस्था दुरुस्त करने कोई पहल नहीं किया जा रहा है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं का अभाव

प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा अभियान के तहत सूरजपुर जिले के चार समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सोनोग्राफी मशीन लगाया गया, लेकिन इन्हें चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास डाक्टर नहीं हैं, ऐसे में विभाग ने निजी सोनोग्राफी सेंटर में सोनोग्राफी मशीन चलाने वालो से सम्पर्क कर उनसे सहयोग लिया जा रहा है, लेकिन वे भी समय पर नहीं पहुंच पा रहें हैं, ऐसी हालत तब है जब महीने में सिर्फ दो दिन ही सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में जांच की व्यवस्था की गई है. विभाग के जिम्मेदार अफसर कह रहें हैं, कि जिले में एक मात्र रेडियोलाजिस्ट है. इसके कारण ऐसी स्थिति है, काम चलाऊ व्यवस्था में किसी तरह काम किया जा रहा है.

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सूरजपुर सीएमएचओ ने दी जानकारी

सीएमएचओ सूरजपुर आरएस सिंह ने बताया कि सूरजपुर जिले में 20 हजार गर्भवती महिलाएं हैं. जिले के नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में से चार में सोनोग्राफी मशीन है, लेकिन सिर्फ दो डाक्टर हैं, जो सोनोग्राफी करते हैं हालांकि रेडियोलॉजिस्ट एक ही है. रेडियोलाजिस्ट और बाकी पांच सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में सोनोग्राफी मशीन के लिए विभाग को लिखा गया है. दूसरी तरफ जिले के बिहारपुर क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी के लिए 65 किमी दूर ओड़गी के आना पड़ता है. इस दौरान कई बार प्रसव व इलाज के लिए अस्पताल आते समय ही रास्ते में प्रसव हो जाता है.

क्षेत्र के मंत्रियों से व्यवस्था सुधारने की उम्मीद

वहीं ऐसे हाल में अब सवाल उठता है कि जिले के दुरुस्त क्षेत्रों में रहने वाले पहाड़ी कोरवा व पंडो जनजाति के लोग जिन्हें दो वक्त की रोटी आसानी से नसीब नहीं होता, वो क्या करें? क्योंकि उनके पास इतने पैसे नहीं कि निजी अस्पताल में जाकर सोनोग्राफी जांच व इलाज करा सकें. क्योंकि सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था ही नहीं है. ऐसे में उम्मीद है, कि सूरजपुर जिले से सरकार में महिला व बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े तो संभाग में आने वाले एमसीबी जिले के रहने वाले स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल इलाज व जांच के आभाव में जिंदगी और मौत से जूझ रही गर्भवती महिलाओं के दर्द को समझेंगी और इसके बाद जिले की स्वास्थ व्यवस्था दुरुस्त होगी.

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