Chhattisgarh News: मानपुर मोहला अंबागढ़ चौकी जिले के अंबागढ़ चौकी के नीचेकोहड़ा गांव में सिलसिलेवार तीन बुजुर्गों और पांच युवाओं की रहस्यमयी आकस्मिक मौत के कारण क्षेत्र ने सनसनी फैल गई है. इलाके में बीते दिनों हुई भीषण बारिश के बाद डायरिया फैला था, इस दौरान लगभग 100 लोग डायरिया की चपेट में आ गए थे. इसके दो पखवाड़े बाद अब 8 लोगों की मौत ने प्रशासन और ग्रामीणों को हैरत में डाल दिया है. इस मामले में कलेक्टर एस जयवर्धन ने जांच टीम गठित कर मामले की तह तक जाने का निर्देश दिया है.
अंबागढ़ चौकी में रहस्यमय तरीके से 8 लोगों की हुई मौत
नीचेकोहडा गांव में मौत ने तांडव मचाया हुआ है. कई किसान मजदूर तबके के ग्रामीण डायरिया, बुखार और अन्य मौसमी बीमारियों की हालत में खाट में पड़े हुए हैं. 8 लोगों की मौत हो जाने के बाद प्रशासन हरकत में आया वहीं सीएमएचओ डॉ एसआर मंडावी इस गंभीर मामले में गांव पहुंचकर हालात जानने की बजाय कह रहे हैं कि, लोगों की मौतें झोला छाप डॉक्टर और प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाने से हुई है. विगत 20-25 सालों से मोहला, मानपुर, अंबागढ़ चौकी जिले के मूल निवासी जिला स्वास्थ्य अधिकारी एसआर मंडावी और अंबागढ़ चौकी ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी के रूप में पदस्थ डॉक्टर आरआर धुर्वे दोनों अफसर स्थानीय हैं. डा. धुर्वे की पदस्थापना हाल ही में शासन स्तर पर मोहला कर दिया गया है. परंतु वे कुर्सी नहीं छोड़ रहे हैं, इसी तरह CMHO मंडावी की जगह राजनांदगांव जिले के घुमका बीएमओ डॉक्टर विजय खोब्रागढ़े जिले के नये जिला स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में सरकार ने नियुक्त किया है. उनकी 5 अगस्त को जॉइनिंग भी हो गई है. इधर डॉक्टर मंडावी ने सरकार के निर्देश के खिलाफ हाईकोर्ट से इस पदस्थापना को लेकर स्टे ले आए हैं. दोनों अधिकारियों की कार्यप्रणाली के चलते इस जिले का स्वास्थ्य महकमा बीमार अवस्था में है.
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मौसमी बीमारी भी चरम पर
मौसमी बीमारी चरम पर है, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कौड़ीकसा के अंतर्गत 9 ग्राम पंचायतें जुड़ी हुई हैं. ग्राम पंचायत नीचेकोहडा भी इसमें शामिल है. सिलसिलेवार 8 लोगों की मौत हो गई, बड़ी संख्या में लोग बीमार हैं और यहां पदस्थ प्रभारी डॉक्टर राजनांदगांव में निवास करते हुए माह में चार पांच बार आ कर अस्पताल पहुंचकर पूरे माह का फर्जी उपस्थिति दर्ज करते हुए वेतन अहरण कर रहे हैं. इस बात की लिखित शिकायत सेक्टर के सरपंच ग्रामीणों द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अफसरो को दिया गया है. परंतु स्वास्थ्य विभाग के अफसर और जिला प्रशासन संबंधित डॉक्टर के खिलाफ एक्शन लेने से बच रहे हैं.