Chhattisgarh News: जिला मुख्यालय खैरागढ़ के नगर पालिका में ढाई करोड़ के टेंडर मामला फिर सुर्खियों में है. 13 अगस्त को टेंडर फार्म ठेकेदारों को बांटना था, लेकिन खैरागढ़ सीएमओ प्रमोद शुक्ला ने अपनी मनमर्जी चलाते हुए दो ठेकेदारों को निविदा फार्म नहीं दिया था.
निविदा फार्म को लेकर पीड़ित ठेकेदारों ने जिला कलेक्टर को इसकी लिखित में शिकायत पत्र देकर अवगत करवाया था. लेकिन न्याय न मिलता देख पीड़ित ठेकेदार अनिमेष सिंह व सी. बी. तिवारी ने माननीय उच्च न्यायलय बिलासपुर में पिटीसन दायर किया था. जिस पर मुख्य न्यायधीश की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए खैरागढ़ मुनिसपल को जमकर फटकार लगाते हुए याचिकाकर्ता को टेंडर फार्म दिए जाने 4 सितंबर तक के निर्देशित किया.
टेंडर के मामले में हाई कोर्ट ने लगाई फटकार
वहीं हाई कोर्ट बिलासपुर के चीफ जस्टिस के द्वारा दिए हुए निर्देश की वीडियो इन दिनों देखने को मिला है. जिसमें माननीयमुख्य न्यायधीश ने खैरागढ़ मुनिसपल की मनमर्जी को देखते हुए मामले की सुनवाई के दौरान यह कहा की, ये आप लोगों की घर की खेती नहीं है, ज़ब चाहोगे दोगे , जिसे चाहोगे नहीं दोगे.
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ठेकेदार सी. बी. तिवारी ने टेंडर मामले में सीएमओ खैरागढ़ के द्वारा किये जा रहे मनमानी एवं भ्रष्टआचरण को पूर्व से ही मिडिया के सामने उजागर करते आये हैं. वहीं ठेकेदार अनिमेष सिंह यूथ कांग्रेस प्रदेश महामंत्री ने पुरे मामले पर विस्तार न्यूज को अपना बयान दिया है कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन जीत अंततः सत्य की ही होती है. खैरागढ़ सीएमओ ने माननीय न्यायलय में भी झूठ बोला है, जो अशोभनीय है. फिलहाल टेंडर मामले में उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस ने हमें न्याय देते हुए सबंधित विभाग को 4 सितंबर तक टेंडर फार्म देने का निर्देश दिया है. अब देखना ये होगा की खैरागढ़ नगर पालिका सीएमओ न्यायलय से मिले निर्देश के बाद क्या करते हैं चुंकि टेंडर फार्म पहले ही बंट चूका है, यहां तक के काम भी दिया जा चूका है.