– नीतिन भांडेकर
Chhattisgarh News: खैरागढ़ जिले से फारेस्ट में बाबू की नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रूपये की ठगी करने का मामला सामने आया है. आपको बता दें की ठगी का शिकार हुए नरेन्द्र लोधी ने 1अक्टूबर को खैरागढ़ जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँच कर एसपी त्रिलोक बंसल को गंडई थाना क्षेत्र के उनतीस वर्षीय पंडरिया निवासी युवक नरेन्द्र लोधी ने लिखित में शिकायत पत्र दिया था कि छब्बीस वर्षिय धमतरी जिला के गातापार की वार्ड नं. 17 की निवासी गीताजंली टंडन एवं तीस वर्षीय गोमची नंदनवन निवासी चंद्रकला निषाद के द्वारा नौकरी लगाने के नाम से लाखों रूपये लेकर फारेस्ट में बाबू की नौकरी लगाने के नाम पर सुनियोजित तरीके से जाल साजी कर धोखाधढ़ी किया गया है.
मंत्रालय की अधिकारी बनकर की 15 लाख से ज्यादा ठगी
शिकायत कर्ता के शिकायत के आधार पर महिला आरोपियों के खिलाफ गंडई थाना के द्वारा भा.द.वि. की धारा 420,465,467,468,471,34 के तहत अपराध दर्ज कर मामले की जाँच किया गया था. आरोपियों के द्वारा फर्जी मंत्रालय अधिकारी बनकर व विभाग का ओरीजनल शील लगाकर नौकरी लगाने के नाम से पैसा लेकर धोखाधड़ी एवं जालसाजी किया जा रहा था. शिकायत कर्ता के शिकायत पत्र अनुसार कुछ दिन पहले नरेन्द्र लोधी के पास नर्सिंग निषाद आया और अपने मौसी मौसा चंद्रकला निषाद और कमलेश निषाद का नौकरी में नाम आने वाले लिस्ट को दिखाकर फारेस्ट में बाबू के आठ पद खाली है बता करके नरेन्द्र लोधी को नौकरी लगाने के लिए चंद्रकला निषाद ने इन्हें गीतांजलि टंडन से मिलवाया गीतांजलि टंडन ने अपने आप को एक सरकारी कर्मचारी बताया और अपने सरकारी आईडी का दस्तावेज दिखाया और फारेस्ट बाबू के 8 पद के लिए गीतांजलि टंडन ने 15 लाख रुपए मेरे से कैश ले लिए. जब नरेन्द्र लोधी घर पहुंचा तो इसके बाद साढ़े तीन लाख रुपए बैंक से आरटीजीएस करने को कहा गया. फिर कुछ समय के बाद आरोपियों के द्वारा जालसाजी करते हुए कहा गया की आपको धमतरी वाली हेड मैडम आपके जॉइनिंग लेटर को घर भेजने के लिए डेढ़ लाख रुपया फोन पे से माँग रही है. इस तरह से कुल साढ़े छः लाख रुपया माँगा गया और महिला पर्यवेक्षक के लिए एक लाख रुपया मांगे थे. कुल मिलाकर सात लाख पचास हजार रूपये आरोपियों ने शिकायत कर्ताओं से फिर ले लिए.
महिला बाल विकास विभाग की फर्जी शील, हस्ताक्षर कर शुरू किया ठगी का खेल
जिसके तुरंत बाद फर्जी सत्यापन करके महिला एवं बाल विकास विभाग का ओरिजिनल शील एवं हस्ताक्षर करवा के सत्यापन की छाया प्रति दें दिया गया. लाखों रूपये की जरूरत पड़ने पर नरेन्द्र लोधी ने अपने पहचान के मामा शत्रुहन सिंह ठाकुर को कुछ पैसे उधार माँगे, जिस पर मामा ने नरेन्द्र लोधी से पूछा की क्या चीज के लिए पैसा उधार ले रहे हो, जिस पर भांचा नरेन्द्र लोधी ने बताया की मंत्रालय के एक मैडम गीतांजलि टंडन नौकरी लगाने के लिए पैसा मांग रही है. जिस पर मामा ने भांजा नरेन्द्र लोधी को बोला की मेरा भतीजा जितेंद्र कुमार ठाकुर के पास भी नौकरी नहीं है जिसके कारण उसकी भी शादी नहीं हो पा रही है उसको भी लगाना है, इसका भी लग जाएगा क्या? जिस पर नरेन्द्र लोधी ने मामा को सीधे गीतांजलि टंडन से बात कर लेने की बात कही. मामा शत्रुहन सिंह ठाकुर ने गीतांजलि टंडन से बात कि जिसके बाद आपसी बात चित होने पर गीतांजलि टंडन ने शत्रोहन सिह ठाकुर को ऑनलाइन पेमेंट भेजने को कहा. शत्रोहन सिंह ठाकुर द्वारा पैसे निकालकर रायपुर मंत्रालय जाने वाला था, लेकिन आचार संहिता के कारण बेरी गेट लगे होने के कारण जा नहीं पाए. फिर गीतांजलि टंडन बार-बार मामा भांचा को फोन करती रही. मामा को तो गीतांजलि टंडन ने खाता नंबर भेज दिया था लेकिन शत्रोहन सिंह ठाकुर(मामा) ने नरेंन्द्र के खाते में पैसे डालकर भेजने की बात कही.
नरेन्द्र लोधी के खाते में पैसा डालकर गीतांजलि टंडन को 500000 लाख रूपये का आरटीजीएस कर दिया गया. जिसके बाद शत्रोहन सिंह ठाकुर को वेरिफिकेशन के लिये शातिर महिला ठग गितांजलि ने रायपुर बुलावाया. जिस पर सारे ओरिजिनल मार्कशीट आधार कार्ड सभी को लेकर जितेंद्र कुमार, शत्रोहन सिंह ठाकुर और नरेन्द्र लोधी गए हुए थे.
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महिला ठगों ने किया ओरिजनल मार्कशीट एवं अन्य दस्तावेजों की फर्जी सत्यापन
ठगी के शिकार हुए पीड़ितों को उनके ओरिजिनल दस्तावेज मांगे फिर सत्यापन हो जाने के बाद गीतांजलि टंडन के द्वारा इन्हें वापस घर भेज दिया गया. जैसे ही पीड़ित लोग घर पहुंचे ही थे की शत्रोहन सिंह ठाकुर को फोन आया की आपका भतीजा जितेंद्र कुमार का नौकरी लग गया है, जल्दी ही धमतरी वाली हेड मैडम 70000 हजार मांग रही है ऐसा बोला गया, फिर शत्रोहन सिंह ठाकुर 70000 हजार रूपये भेजने को तैयार भी हो गया फिर, जिसके बाद मामा ने नरेन्द्र लोधी को फोन करके कहा की भांचा गीतांजलि टंडन मैडम लिस्ट में नाम आ गया है ऐसा बता रही है, तुरंत जॉइनिंग लेटर शाम तक आपको भेज दूंगी क़ह रही है. शत्रोहन सिंह ठाकुर(मामा ) को नरेन्द्र लोधी (भांजा ) ने कहा की अभी मत दो मामा बाद में दे देना लेटर तो आने दो पहले. जिसके बाद भी शत्रोहन सिंह ठाकुर ने मेरे एक न सुनी और फिर मेरे खाते मे पैसा जमा करके मेरे खाते में गीतांजलि टंडन को देने के. लिये 70000 रूपये भेज दिया. इस तरह से धोखा धड़ी करते हुए उन्होंने हम सब से ठगी करके 570000 लाख अपने खाते में डलवाए और वीडियो रिकर्डिंग फर्जी लेटर फर्जी विभाग का हस्ताक्षर व फर्जी वेरिफिकेशन का डाक्युमेंट हमें दिए. हमारे पास है जिसमें विभाग का ओरिजिनल हस्ताक्षर व सील लगा हुआ है. और एक फर्जी लिस्ट बनाकर मुझे भेज दिया था और यह भी बोले थे कि तुम चिंता मत करो ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हो सब रिकर्ड रहता है, नौकरी नहीं मिलेगा तो पैसा ले लेना कह कर हस्ताक्षर करके कोरा चेक भी दिया गया.
साल भर बीत जाने के बाद न तो नौकरी मिली न तो डूबा हुआ लाखों रुपया
अप्रैल में पैसा के लिए रायपुर बुलाया गया लेकिन पैसा नहीं दिया गया, लेकिन किस्त किस्त करके पहली बार 80000₹, दूसरी बार 50000₹, तीसरी बार 50000₹ और चौथी बार 20000₹ दिया गया. इस तरह से एक साल में शातिर महिला ठगों ने पीड़ितों को 16 बार रायपुर बुलवाया जहाँ ठगी की सिर्फ दो लाख रूपये ही वापस किये. पुरे मामले को एक वर्ष बीतने को है लेकिन अभी तक न हीं नौकरी दिलाया और न हीं पैसा को वापस कर किया गया है. और न हीं पीड़ितों का फोन उठाया गया बल्कि 16 बार पैसा देने के नाम से रायपुर बुलाती रहीं लेकिन जाने के बाद महिला ठग बहाना बनाती थी.