Chhattisgarh News: सरगुजा के सिलसिला गांव में मां कुदरगढी एलुमिना फैक्ट्री में घटित औद्योगिक दुर्घटना की जांच के लिये जिला कांग्रेस कमेटी के द्वारा गठित जांच दल ने अपनी जांच रिपोर्ट जिला कांग्रेस कमेटी को सौंप दी है. पूर्व विधायक रामदेव राम की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी ने 10 सितंबर को फैक्ट्री का दौरा किया एवं प्रभावित लोगों का बयान दर्ज कर 6 बिंदुओं के निष्कर्ष वाला जांच प्रतिवेदन सौंपा है. जांच समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि फैक्ट्री प्रबंधन ने अधिक उत्पादन के लालच में स्थापित तकनीक और क्षमता का उल्लंघन कर भूसे से संचालित होने वाले बंकर में कोयला डाला, जिसके अधिक वजन के कारण बंकर टूटा और काम कर रहे 4 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि कई मजदूर घायल है. फैक्ट्री प्रबंधन यह स्पष्ट जानकारी नहीं दे रही है कि इस घटना में घायल मजदूरों का कहां इलाज हो रहा है. वह यह भी जानकारी नहीं दे रहा है कि वास्तव में कितने मजदूर घायल हुए हैं. घायलों की संख्या एवं उनके इलाज के विषय में प्रबंधन का गोलमोल रुख कई संदेहों को जन्म दे रहा है.
मां कुदरगढी एलुमिना फैक्ट्री में प्रबंधन की लापरवाही से हुआ हादसा, कांग्रेस की जांच रिपोर्ट में खुलासा
जांच दल ने पाया कि इस फैक्ट्री में आपातकालीन स्वास्थ्य उपचार एवं एम्बुलेंस की कोई व्यवस्था ही नहीं है. जांच दल को यह भी जानकारी मिली कि प्रबंधन के द्वारा मृतक मजदूरों के परिजनों को एवं घायल मजदूरों को कोई मुआवजा ही नहीं दिया गया है. जांच दल से मिलने वाले स्थानीय क्षेत्रवासियों ने इस फैक्ट्री को लेकर यह भी शिकायत दर्ज कराई है कि फैक्ट्री ने उत्पादन के बाद का मलबा, राख और दूषित पानी के व्यवस्थापन और निपटारण की कोई व्यवस्था नहीं की है. ये दूषित पदार्थ क्षेत्रवासियों के खेतों में बहकर जा रहे हैं, जिससे उनके खेत बर्बाद होते जा रहे हैें। इस विषय में फैक्ट्री और इसके प्रबंधन के विरुद्ध विशेष जांच की आवश्यकता जांच दल ने बताया है। जिला कांग्रेस कमेटी के द्वारा बनाये गये जांच दल में जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह, लुंड्रा जनपद पंचायत अध्यक्ष गंगा सिंह, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष त्रिलोकी सिंह एवं लुंड्रा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष युनूस अंसारी भी शामिल थे.
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घटना की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश करें
जांच समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक रामदेव राम ने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि इस मामले की जांच छत्तीसगढ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति कर करें. उन्होंने कहा है कि यह सर्वविदित है कि मां कुदरगढी मिनरल्स एवं रिफैक्ट्रीज प्राईवेट लिमिटेड में छत्तीसगढ सरकार के एक प्रभावशाली मंत्री का आर्थिक हित है. इस वजह से प्रशासनिक जांच की निष्पक्षता संदेह के घेरे में होगी.