Chhattisgarh News: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 7 मई को वोट डाले जाएंगे. इससे पहले पुलिस फोर्स व प्रशासन ने मुस्तैदी से कार्य करने के लिए कमर कस ली है. सरगुजा लोकसभा क्षेत्र में आने वाले छत्तीसगढ़-झारखंड की सीमा पर स्थित घोर नक्सल प्रभावित गावों के मतदान केन्द्रों की निगरानी ड्रोन के जरिए किया जाएगा. वहीं, अकेले बलरामपुर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण चार हजार जवानों की तैनाती की गई है. जबकि अन्य सामान्य जिलों में जहां नक्सलियों की दहशत नहीं है, वहां इसके आधे जवान ही ड्यूटी करेंगे.
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बलरामपुर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र चुनचुना पूंदाग, भुताही मोड सहित आसपास के घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों का इतना उत्पात है कि यहां फोर्स की सुरक्षा में सड़क का निर्माण किया जा रहा है. यहां नक्सली वारदात को अंजाम देने के बाद झारखंड के जंगलो में भाग जाते हैं. बता दें कि अब तक बूढ़ा पहाड़ ने अपना ठिकाना बनाकर रह रहे थे और वहां कई ट्रेनिंग सेंटर बना लिए थे. लेकिन पिछले साल फोर्स की कार्रवाई के बाद नक्सली बूढ़ा पहाड़ छोड़ चुके हैं, लेकिन फिर भी सक्रिय हैं. इस चुनाव में सुरक्षा के लिहाज से अतिरिक्त फोर्स तैनात किया जा रहा है.
‘नक्सलियों के किसी भी मंसूबे को सफल नहीं होने दिया जाएगा’
बता दें कि यहां के नक्सल प्रभावित मतदान केन्द्रों में पहले मतदान दलों को हेलीकाप्टर से भेजा जाता था. दरअसल तब सड़क मार्ग में जाने से आईईडी ब्लास्ट होने का खतरा रहता था. इसके अलावा नक्सली भी हमले के फिराक में रहते थे. लेकिन सड़क बनने के बावजूद भी इलाके में नक्सली सक्रिय हैं. यही वजह है कि यहां फ़ोर्स का कैम्प चल रहा है. बलरामपुर पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने बताया कि जिले में 150 नक्सल प्रभावित मतदान केन्द्र हैं. इसमें कुछ मतदान केंद्र बेहद संवेदनशील हैं और उन केन्द्रों व वहां तक जाने के रास्तों की निगरानी ड्रोन से की जाएगी. वहीं अभी से सड़कों की जांच की जा रही है कि कहीं आईईडी प्लांट तो नहीं किया गया है. इसके साथ अलग अलग इलाकों में सर्चिंग अभियान भी चल रहा है. नक्सलियों के किसी भी मंसूबे को सफल नहीं होने दिया जाएगा.