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Chhattisgarh: TS सिंहदेव के बाद अमरजीत भगत का छलका दर्द, बोले- हमारे नेताओं में तालमेल की कमी थी, इसलिए हारे चुनाव

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छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री अमरजीत भगत

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इसलिए चुनाव हार गई क्योंकि नेताओं में आपसी तालमेल की कमी थी, यहां तेरा मेरा का खेल चल रहा था और कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. वही जानता भी बदलाव चाहने लगी थी.

TS सिंहदेव के बाद अमरजीत भगत का छलका दर्द

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ढाई ढाई साल का मसला शुरू हो गया था. इसे लेकर दो दिन पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने भी कहा था कि वे भी मुख्यमंत्री बनना चाहते थे लेकिन नहीं बन सके और शायद इसके कारण कांग्रेस दोबारा सरकार में नहीं आई। वहीं इसके बाद अमरजीत भगत का यह बयान चुनाव पूर्व कांग्रेस के अंदर खाने में उसे समय चल रहे लड़ाई को बताने के लिए काफी है. बता दें कि छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस, सरकार बनाने के लिए 2018 में चुनाव मैदान में उतरी, तब भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव की जोड़ी के बदौलत छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी थी और जब कांग्रेस में अधिक संख्या में विधायक जीत के सामने आए तो सरगुजा संभाग के लोगों का मानना था कि सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा लेकिन वे मुख्यमंत्री नहीं बन सके.

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हमारे नेताओं में तालमेल की कमी थी, इसलिए हारे चुनाव – अमरजीत भगत

इसके बाद में एक जिन्न बाहर आया कि सिंहदेव को ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा लेकिन ढाई साल बीतने के बाद भी सिंहदेव को ज़ब मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो भूपेश बघेल व सिंहदेव के बीच आपसी तनातनी सरकार के साथ प्रशासनिक स्तर पर भी दिखाई देने लगी. सरगुजा में तो अधिकारियों ने सिंहदेव देव को किनारे ही करना शुरू कर दिया और वहीं भूपेश बघेल के नजदीकी और दाये हाथ के रूप में पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत बड़े कद की नेता के रूप में उभरे और सरगुजा में सिंहदेव और अमरजीत भगत के बीच कांग्रेस दो धड़े में दिखाई देने लगी. इसी का हश्र हुआ कि कांग्रेस सरगुजा संभाग के सभी 14 विधानसभा सीट हार गई. खुद सिंहदेव के साथ अमरजीत भगत भी चुनाव हार गए लेकिन अब दोनों नेताओं को लगने लगा है कि उस समय उन्होंने जो कुछ भी किया वह गलत था. अब देखने वाली बात होगी कि आखिर कांग्रेस के नेताओं के बीच भीतर खाने में चली आ रही लड़ाई क्या दूर होगी या फिर ऐसा ही चलता रहेगा.

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