Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के धंधापुर गांव से होकर गुजरने वाली नदी में मछली मारने पहुंचा एक व्यक्ति 10 दिन पहले नदी में बने एक सुरंग में गया, इसके बाद से अब तक उसका कोई पता नहीं चला है. जबकि जिला प्रशासन के अफसर 9 दिनों से लगातार रेस्क्यू आपरेशन चला रहे हैं. लेकिन इस आपरेशन में जेसीबी और पंप चलाने के लिए अफसरों को पंचायत प्रतिनिधियों से चंदा लेना पड़ रहा है. वहीं जिला प्रशासन के पास राहत आपदा, इसी काम के लिए होता है. दूसरी तरफ नदी में लापता व्यक्ति के परिजन परेशान है.
दरअसल, धंधापुर गांव से होकर गुजरने वाली गागर नदी में नरसिंहपुर निवासी अमर साय पहाड़ी कोरवा जनजाति का है, 19 फरवरी को अपनी पत्नी के साथ मछली मारने पहुंचा था. इस दौरान जब वह नदी के एक किनारे कुंड में पानी के अंदर वह मछली मारने गया तो फंस गया. इसके बाद यहां एसडीआरएफ की टीम पहुंची और लगातार आपरेशन चल रहा है. यहां एसडीएम और तहसीलदार ड्यूटी कर रहे है.
निकालने के लिए हो रहा प्रयास
वहीं पंचायतों से उनके खर्च में मजदूर मंगाए गए हैं और जेसीबी लगाकर नदी के पानी को एक किनारे 10 फीट गहरा नाला बनाकर निकालने की कोशिश हो रही है, ताकि नदी का पानी वहां न जाए जहां कुंड के अंदर बने सुरंग में जाकर वह फंस गया. इस कुंड के पानी को 40 HP का मोटर लगाकर निकालने की कोशिश हुई लेकिन पानी नहीं निकाला जा सका, पानी वहां रिसकर पहुंच जाता है. ऐसे में पानी वहां रिसकर न पहुंच पाए इसलिए एक डबरी कुंड के पास बनाया जा रहा है ताकि पानी वहीं जमा रहे.
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रेस्क्यू आपरेशन को 10 दिन पूरा हो गया है, वहीं हर रोज आसपास गांव के लोग नदी किनारे लापता व्यक्ति के मिलने की उम्मीद में पहुंच रहे हैं और निराश होकर लौट जा रहे हैं. हालांकि एसडीआरएफ की टीम और अफसर अब रात में भी आपरेशन चलाने की बात कर रहे हैं. खबर लिखे जाने तक प्रशासन ने चंदा को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है.