Chhattisgarh News: बलरामपुर जिले में जल जीवन मिशन के तहत हुई गड़बड़ी की जांच के लिए कलेक्टर ने आदेश जारी किया है, और इसके लिए अलग-अलग विभागों के 54 इंजीनियरों की ड्यूटी लगाई गई है. इंजीनियर और अधिकारी जिले के 127 गांव में जाएंगे और वहां चेक करेंगे कि आखिर जल जीवन मिशन के तहत जो कार्य हुए हैं. उनकी क्वालिटी कैसी है और ग्रामीणों को इस योजना का कितना लाभ मिल पा रहा है, साथ ही जांच के दौरान सरपंच पंच और गांव के जनप्रतिनिधियों को भी मौके पर बुलाया जाएगा और पूरी जांच गांव वालों के समक्ष की जाएगी.
बता दें कि पिछले दिनों बलरामपुर जिले के लोक स्वास्थ्य मंत्री की विभाग के कार्यपालन अभियंता को इस योजना में गड़बड़ी करने की वजह से हटा दिया गया था. आशंका का है कि इस योजना के तहत बलरामपुर जिले में करोड़ रुपए की गड़बड़ी अधिकारियों और इंजीनियरों की मिलीभगत से की गई है. बलरामपुर जिले में इस योजना के तहत ₹1500 खर्च किए जाने हैं.
गांवों में दूषित पानी पीने को मजबूर लोग
बलरामपुर रामानुजगंज जिले के ग्रामीण इलाकों में आज भी लोग दूषित पेयजल पीने के लिए मजबूर हैं. गांव के लोग खेतों में बने जल स्रोतों का पानी पी रहे हैं, और इसके कारण हर साल बीमार पड़ रहे हैं. इस बीच लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से लोगों को अब तक जल जीवन मिशन के तहत पीने के लिए साफ पानी नसीब नहीं हो सका है, और इस योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं. पिछले दिनों बलरामपुर जिले के पीएचई के कार्यपालन अभियंता को इसी गड़बड़ी की वजह से हटा दिया गया था. इसके बाद कलेक्टर आर एक्का ने पूरे मामले को और भी गंभीरता से लिया और उन्होंने जिले के 127 गांव में चल रहे जल जीवन मिशन के कामकाज की हकीकत जानने के लिए जांच टीम का गठन कर दिया है और जांच टीम में शामिल इंजीनियर अधिकारी गांव पहुंचकर निर्माण कार्यों का जायजा लेंगे, साथ ही इसका रिपोर्ट भी पेश करेंगे, जिस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
जल जीवन मिशन में हुआ बड़ा घोटाला
बलरामपुर जिले में जल जीवन मिशन का काम पिछले 3 सालों से चल रहा है, लेकिन कागजो में ही गांव के लोगों को पानी मिल रहा है. हकीकत में अब तक नलों में पानी आना ही शुरू नहीं हुआ है, और लोगों के घर के बाहर स्टैंड पोस्ट वाले जो नल लगाए गए हैं. वह भी जर्ज़र होकर टूट रहे हैं, क्योंकि इसकी गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया यही वजह है कि अब सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन को करोड़ों के इस घोटाले की जांच करानी पड़ रही है. माना जा रहा 15 दिनों के बाद मिलने वाले इस जांच रिपोर्ट में कई अधिकारियों और इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
बता दें कि बलरामपुर जिले में 336 गांव हैं, और इन गांव में कुल 97532 स्टेड पोस्ट लगाया जाना था लेकिन अब तक 32856 स्टेड पोस्ट बना है जिसमें से अधिकतर स्टैंड पोस्ट घटिया निर्माण की वजह से टूट गए हैं और अब उपयोग के लायक नहीं रहे हैं ऐसे में समझा जा सकता है, कि आखिर इस योजना की मॉनिटरिंग जिम्मेदारों ने कितनी सतर्कता के साथ की है.