Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में नशीली इंजेक्शन का कारोबार हर साल करीब 50 करोड़ से अधिक का है. वहीं करीब 6 हजार युवा ऐसे हैं जो नशीली इंजेक्शन के आदि हो चुके हैं और हर रोज कम से कम 200 रुपये नशीले इंजेक्शन के लिए खर्च कर रहें हैं. वहीं इसके लिए वे अपराध में लिप्त हैं तो कई अपनी पत्नी का ज़ेवर तक बेच दे रहें हैं और उनका परिवार इससे तबाह है लेकिन इसके बाद भी ड्रग्स डिपार्टमेंट सख्त कार्यवाही कर नशीले इंजेक्शन के इस कारोबार को नहीं रोक पा रहा है.
नशीले इंजेक्शन से कई बीमारियों का खतरा
विस्तार न्यूज़ के पड़ताल में सामने आया कि कई नशेड़ी एक ही सीरिंच के माध्यम से नशीला इंजेक्शन ले रहें हैं. इससे एचआईवी का खतरा सबसे अधिक है और सैकड़ो नशेड़ी इसकी वजह से एचआईवी से पीड़ित हैं. इसे देखते हुए राष्ट्रीय एडस नियंत्रण संगठन (नाको) द्वारा छत्तीसगढ़ के सूरजपुर, रायगढ़, बिलासपुर और दुर्ग में ओएसटी सेंटर खोला गया है, जहां नशेड़ियों को टेबलेट देकर नशीले इंजेक्शन को लेने से छुड़ाने की कोशिश की जा रही है. इसमें एनजीओ का भी सहयोग लिया जा रहा है. वहीं सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर ड्रग्स डिपार्टमेंट नशीले इंजेक्शन के कारोबार को बंद क्यों नहीं करा पा रहा है.
छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग की बात करें तो यहां सबसे अधिक इंजेक्शन झारखण्ड, मध्यप्रदेश से आता है और स्थानीय मेडिकल स्टोर में भी नशेड़ियों को आसानी से नशीला इंजेक्शन मिल रहा है लेकिन पुलिस और ड्रग्स डिपार्टमेंट के अफसर कार्यवाही नहीं कर रहें हैं और हद तो यह है कि इसके चपेट में स्कूली बच्चे भी आ रहें हैं.
बिश्रामपुर में नशीले इंजेक्शन लेने के कारण पत्नी ने पति से लिया तलाक
बिश्रामपुर में बदला हुआ नाम अमित कुमार नशे का इतना आदि था कि परिजनों ने इसकी जानकारी छिपाकर शादी करवा दिया लेकिन शादी के बाद भी वह नहीं सुधरा और वह अपनी पत्नी के ज़ेवर तक बेच दिया और नशीले इंजेक्शन लेने लगा. बाद में उसकी पत्नी को तलाक लेना पड़ा. बिश्रामपुर में बने ओएसटी सेंटर में ही 250 नशीली इंजेक्शन लेने वाले नशेड़ी पंजीकृत हैं, जिन्हें यहां दवा दिया जाता है.
नाको के डिप्टी डायरेक्टर विक्रांत वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में तीन हजार के करीब नशेड़ी ऐसे हैं जो इंजेक्शन वाला नशा लेते हैं, यह नाको में पंजीकृत आकड़ा भर है.लेकिन इंजेक्शन के सहारे नशा करने वाले नशेड़ियों तक अधिक से अधिक पहुंच सकें और उन्हें ओएसटी दिया जा सकें इसके लिए रायपुर, बैकुंठपुर, रायगढ़ में ओएसटी सेंटर खोलने केंद्र सरकार को लिखा गया है.