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Chhattisgarh By Election: जानिए कौन हैं आकाश शर्मा? जिन्हें कांग्रेस ने रायपुर दक्षिण से उपचुनाव में बनाया प्रत्याशी

Chhattisgarh By Election:

कांग्रेस प्रत्याशी आकाश शर्मा

Chhattisgarh By Election:  रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने आकाश शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है, इसे लेकर कांग्रेस ने आदेश जारी कर दिया है. इसके पहले बीजेपी ने सुनील सोनी को अपना उम्मीदवार घोषित किया था.

जानिए कौन है आकाश शर्मा

आकाश शर्मा एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संबंधित हैं. वे वर्तमान में छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं. वे 2014 से 2020 तक एन.एस.यू.आई छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष रहे, और 2018 में वे एन.एस.यू.आई के राष्ट्रीय सचिव भी बने थे.

आकाश शर्मा का जन्म (29 अक्टूबर 1989) भारत के अविभाजित मध्य प्रदेश राज्य के रायपुर जिले में एक कृषक परिवार में हुआ, जिसे आज छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर के रूप में जाना जाता है। पिता श्री अरुण शर्मा (अर्जुन्दा) सरकारी विभाग में एक अधिकारी हैं और माता श्रीमती करुणामयी शर्मा (बेमेतरा) एक गृहिणी हैं। इनके दादा पं. दशरथ शर्मा गाँव अर्जुन्दा में एक स्कूल शिक्षक थे। श्री आकाश शर्मा का आवास रायपुर में है, लेकिन परिवार का पैतृक गांव अर्जुन्दा है. बचपन में, आकाश हमेशा बहुत तेज और शरारती थे। वर्ष 2018 में, उन्होंने कांकेर निवासी श्री राजेश तिवारी की बेटी अपूर्वा तिवारी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करके विवाहित जीवन में प्रवेश किया.

शिक्षा –  आकाश शर्मा की अधिकांश शिक्षा जन्मभूमि रायपुर में हुई. अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने रायपुर के महाराजा अग्रसेन अंतरराष्ट्रीय महाविद्यालय में प्रवेश लिया और आकाश ने वर्ष 2017 तक बी.कॉम, एम.कॉम पूरा किया.

राजनीतिक पदार्पण –  उनके परिवार की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी, लेकिन वे स्कूल के समय से ही राजनीति की ओर आकर्षित थे. राजनीति में आकाश की रुचि बढ़ने लगी थी, और वे अपनी दक्षता के साथ छात्रों की मांगों को पूरा करने में सक्षम थे। पिता के संस्कार ऐसे थे कि सभी वर्गों के छात्र आकाश से आसानी से जुड़ जाते थे. समय बीतने के साथ रुचि भी बढ़ती गई और आकाश को छात्र राजनीति में क्रांतिकारी उत्साह के साथ एक फायरब्रांड आदर्शवादी के रूप में जाना जाने लगा।
आकाश ने स्कूल के शुरुआती दिनों के दौरान 2007 में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एन.एस.यू.आई) में शामिल हो गए, जिसके बाद उन्होंने विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों में विभिन्न छात्र अधिकारों के मुद्दों पर आंदोलन शुरू किया। बाद में उन्हें एन.एस.यू.आई रायपुर का कॉलेज यूनिट अध्यक्ष बनाया गया। वर्ष 2011 में उन्हें एन.एस.यू.आई रायपुर का निर्वाचित जिला उपाध्यक्ष चुना गया। वर्ष 2014 में, उन्हें छत्तीसगढ़ एन.एस.यू.आई के राज्य अध्यक्ष के रूप में चुना गया। तीन साल के सफल कार्यकाल के बाद, आकाश को वर्ष 2017 में सचिव के रूप में एन.एस.यू.आई की राष्ट्रीय समिति में शामिल किया गया। उन्हें मध्य उत्तर प्रदेश और उड़ीसा राज्य का प्रभार दिया गया. 2018 में विधानसभा चुनावों के कारण, उन्होंने तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल जी के आदेश पर छत्तीसगढ़ राज्य के लिए एन.एस.यू.आई के अध्यक्ष का पदभार संभाला। वे एन.एस.यू.आई छत्तीसगढ़ के सबसे लंबे कार्यकाल के अध्यक्ष के रूप में सेवारत थे.

राजनीतिक सफर

2011: उन्होंने संगठन में चुनाव लड़ा और उन्हें रायपुर जिला एन.एस.यू.आई का उपाध्यक्ष चुना गया.

2014: फिर से ऊर्जा के साथ, उन्होंने संगठन के प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव लड़ा और पूरे राज्य से 1400 से अधिक वोट प्राप्त करने के बाद, उन्हें छत्तीसगढ़ एन.एस.यू.आई के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चुना गया.

2014: राज्य में सालों से बंद पड़े छात्र संघ चुनाव को शुरू करने की मांग को लेकर राज्य के सभी विश्वविद्यालयों का तालाबंदी.

2015: उन्होंने राज्य के स्थानीय युवाओं/छात्रों के रोजगार के अधिकार के लिए ‘‘आउटसोर्सिंग’’ के खिलाफ आंदोलन शुरू किया और 3 दिन की जेल यात्रा की. जिसके बाद राज्य में आउटसोर्सिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

2016: छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के दौरान हुए छात्र संघ चुनावों में, एन.एस.यू.आई ने राज्य भर में 300 से अधिक कॉलेजों में जीत हासिल की.

2016: उन्होंने छत्तीसगढ़ विधानसभा को 13 सूत्रीय मांगों के लिए राजधानी रायपुर में राज्य भर के 30,000 से अधिक कार्यकर्ताओं के साथ ‘‘परिवर्तन रैली’’ के रूप में घेर लिया.

2016: एन.एस.यू.आई के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान, उन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ राज्य अध्यक्ष के रूप में सम्मानित किया गया.

2017: छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के दौरान हुए दूसरे छात्र संघ चुनावों में, एन.एस.यू.आई ने राज्य भर में 75 प्रतिशत से अधिक कॉलेजों में जीत हासिल की। वे तीन कॉलेज जो राज्य में छात्र राजनीति के गढ़ हैं, दुर्गा कॉलेज, दिग्विजय कॉलेज में लगातार जीत के साथ सीएमडी कॉलेज में एक दशक के बाद एन.एस.यू.आई की जीत हुईं.

2017: उन्हें एन.एस.यू.आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए गठित चयन समिति का सदस्य बनाया गया. उन्हें संगठन में सबसे बड़े पद के लिए सबसे मजबूत व्यक्ति चुनने का सौभाग्य मिला. यह एक सुनहरा अवसर था कि उन्होंने उस संगठन को नेतृत्व प्रदान करने में योगदान दिया जिसके लिए वह ईमानदारी से काम कर रहे हैं.

2017: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में भव्य आदिवासी छात्र सम्मेलन “आमचो हक” का आयोजन किया गया, जिसमें राहुल गांधी जी शामिल हुए थे और आम छात्रों से चर्चा की थी.

2017: संगठन द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों की समीक्षा के बाद, उन्हें एन.एस.यू.आई का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया और मध्य उत्तर प्रदेश और उड़ीसा की इकाई का कार्य प्रभार मिला.

2018: छात्र राजनीति में उनकी निष्ठा और कार्यशैली से प्रभावित होकर, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने विश्वास व्यक्त किया और उन्हें छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी का सदस्य बनाया गया.

2018: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों को देखते हुए, संगठन ने उन्हें फिर से प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी.

2018: भाजपा सरकार द्वारा 15 वर्षों तक राज्य में फैले झूठे विकास की महिमा का सच बताने के लिए उन्हें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस की “विकास खोजो यात्रा” का सह-संयोजक बनाया गया.

2019: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल जी ने राज्य के सभी लोकसभा क्षेत्रों में “न्याय यात्रा” करने की जिम्मेदारी दी.

2022: युवा कांग्रेस में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव लड़ा और 3,45,559 वोट की बढ़त के साथ देश में सर्वाधिक बढ़त से, छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद पर चुनाव जीता और साक्षात्कार के पश्चात प्रदेश अध्यक्ष पद का दायित्व दिया गया.

बीजेपी ने सुनील सोनी को बनाया अपना उम्मीदवार

बता दें कि रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के लिए BJP ने पूर्व सांसद सुनील सोनी को प्रत्याशी बनाया गया है. बता दें कि सुनील सोनी सांसद बृजमोहन अग्रवाल के करीबी हैं. वह रायपुर दक्षिण सीट की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय रहते आए हैं. साथ ही वह RDA यानि रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. सोनी रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर चुनाव के दौरान बृजमोहन अग्रवाल के लिए प्रचार-प्रसार का मोर्चा भी संभाल चुके हैं.

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