Chhattisgarh Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जब भी दिल्ली जाते हैं तब मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो जाती है. एक बार फिर बहुत जल्द विष्णु कैबिनेट का विस्तार होने की सुगबुगाहट तेज हो गई है. चर्चा है कि मंत्रिमंडल मे 2 की जगह 3 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं. प्रदेश में हरियाणा का फॉर्मूला लागू करने की तैयारी है. इसके अलावा मंत्री पद के लिए विधायकों के नाम भी लगभग तय माने जा रहे हैं.
दिल्ली में हुई बैठक
दिल्ली के छत्तीसगढ़ भवन में भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं की बड़ी बैठक हुई. इस बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, पार्टी अध्यक्ष किरण देव के साथ पार्टी के प्रमुख पदाधिकारी शामिल हुए. इस मीटिंग में संगठन में बदलाव के साथ कैबिनेट विस्तार पर चर्चा हुई है.
CM साय ने क्या कहा
दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर एयरपोर्ट में इशारो-इशारो में 14 सदस्यों के मंत्रिमंडल पर सहमति जाता दी है. उन्होंने कहा कि सब होगा लेकिन उसके लिए इंतजार करना होगा.
छत्तीसगढ़ में हरियाणा फॉर्मूला
छत्तीसगढ़ और हरियाणा में 90-90 सीटों की विधानसभा है. दोनों राज्यों में मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या 12+1 का फॉर्मूला है, लेकिन 2024 में हरियाणा की नायाब सिंह सैनी सरकार में 13+1 का फॉर्मूला से मुख्यमंत्री के साथ 13 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है. इसलिए छत्तीसगढ़ में भी 13 मंत्री और 1 मुख्यमंत्री वाला फॉर्मूला लागू किया जा सकता है.
कैसे तय होती है मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या
2003 में केंद्र सरकार के संविधान संशोधन के बाद मंत्रियों की संख्या को बड़े राज्यों में विधायकों के 10% और छोटे राज्यों में 15% तक सीमित कर दिया गया है. मतलब यूपी जैसे राज्यों में कुल विधायकों के 10 प्रतिशत विधायक कैबिनेट मंत्री में शामिल हो सकते है, जबकि छोटे राज्य जैसे छत्तीसगढ़ में कुल विधायकों में से 15 प्रतिशत विधायक मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. 90 विधायकों का 15 प्रतिशत 13.5 होता है. मतलब मुख्यमंत्री के साथ 13 से ज्यादा विधायक मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में 13 मंत्री और 1 मुख्यमंत्री का फॉर्मूला लागू किया जा सकता है.
इन नेताओं के नाम सबसे आगे
3 मंत्री पद के लिए कुल 7 नेताओं के नामों की चर्चा हो रही है.
रायपुर संभाग से 4 नेताओं का नाम
- रायपुर पश्चिम के विधायक राजेश मूणत– रमन सरकार में 15 साल मंत्री रहे राजेश मूणत को सरकार में काम करने का लंबा अनुभव है. अगर वरिष्ठता के आधार पर मंत्री बनाया जाता है तो इनका नाम आ सकता है.
- कुरूद विधायक अजय चंद्राकर- रमन सरकार में 10 साल मंत्री रहे. इन्हें सरकार के कामकाज में लंबा अनुभव है. कई महत्वपूर्ण विभाग में मंत्री रह चुके हैं.
- नए विधायकों में रायपुर उत्तर से पुरंदर मिश्रा, रायपुर दक्षिण के सुनील सोनी का नाम की भी चर्चा में है.
- बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल- अमर अग्रवाल भी रमन सरकार के तीनों कार्यकाल में मंत्री रहे हैं. वह बिलासपुर संभाग के बड़े नेता माने जाते हैं.
- बस्तर संभाग से प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव का नाम भी चर्चा में है. दिल्ली की बैठक में किरण सिंह देव के नाम पर मंथन हुआ क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष मंत्री बनाए जाएंगे तो नया प्रदेश अध्यक्ष भी बनाना पड़ेगा.
- दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव– वह OBC वर्ग से आते हैं.