Chhattisgarh News: विशेष संरक्षित पंडो जनजाति के बच्चों को मध्यान्ह भोजन में हल्दी मिला चावल परोसे जाने पर प्रशासन ने सख्ती बरती है. बलरामपुर कलेक्टर आर एक्का ने संकुल समन्वयक राजेंद्र सिंह पोर्ते तथा प्रधानपाठक रामधनी सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय एसडीएम कार्यालय वाड्रफनगर नियत किया गया है.
बलरामपुर में बच्चों को हल्दी मिलाकर परोसे गए चावल
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में मध्यान्ह भोजन के नाम पर बच्चों को चावल में हल्दी मिलाकर परोसे जा रहा. वाड्रफनगर विकासखंड के प्राथमिक पाठशाला पटेलपारा बीजाकुरा में एक सप्ताह से बच्चों को मध्यान्ह भोजन में दाल और सब्जी नहीं दिया जा रहा था. पंडो बच्चों की बहुलता वाले इस स्कूल में मध्यान्ह भोजन में खिचड़ी के नाम पर हल्दी मिश्रित चावल दिया जा रहा था. चावल में दाल के कुछ दाने मिलाकर दिया जा रहा था. हल्दी पाउडर मिलाने से चावल पीला हो जा रहा था. उसे ही खिचड़ी बताकर बच्चों को दिया जा रहा था. बच्चों के घटिया मध्यान्ह भोजन का विस्तार न्यूज़ में खबर चलने के बाद सरकार हरकत में आई.
कलेक्टर ने संकुल समन्वयक व प्रधानपाठक को किया निलंबित
मामला सामने आते ही कलेक्टर आर एक्का ने ब्लाक शिक्षा अधिकारी से आरोपों की जांच कराई. जांच में आरोप प्रमाणित पाए गए. बच्चों को गुणवत्तायुक्त मध्यान्ह भोजन की जबाबदारी संकुल समन्वयकों के साथ संबंधित संस्था प्रमुख की होती है. संस्था के किसी एक शिक्षक के चखने के बाद ही मध्यान्ह भोजन बच्चों को दिए जाने का प्रविधान है लेकिन संकुल समन्वयक तथा प्रधानपाठक ने इस दायित्व का निर्वहन नहीं किया. इसी के कारण संकुल समन्वयक व प्रधानपाठक को निलंबित कर दिया गया है.
बीजाकुरा व उससे लगा क्षेत्र जिला व ब्लाक मुख्यालय से काफी दूर है. अधिक दूरी के कारण अधिकारियों का निरीक्षण भी नहीं होता. इसलिए मध्यान्ह भोजन में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जाता.
रिबई पंडो के कारण प्रचारित हुआ था बीजाकुरा
बलरामपुर जिले के अंतिम छोर पर बसे बीजाकुरा में 1992 में रिबई पंडो की मौत हुई थी।भूख से मौत के दावे से प्रशासनिक तंत्र भी कटघरे में आ गया था। अविभाजित मध्यप्रदेश के जमाने में रिबई पंडो की मौत पर खूब राजनीति भी हुई थी। आज उसी बीजाकुरा गांव में पंडो बच्चों के मध्यान्ह भोजन के अधिकार पर डाला जा रहा है।
जिले में 1 लाख से ज्यादा बच्चे मध्यान्ह भोजन के दायरे में
बलरामपुर जिले में मध्यान्ह भोजन संचालन में अनियमितता की शिकायत पुरानी है. पिछले शिक्षा सत्र में कई महीने तक राशि नहीं मिल पाने के कारण मध्यान्ह भोजन में बच्चों को चावल और दाल दे पाना भी संभव नहीं हो पा रहा था, हालांकि राशि प्राप्त हुई तो इसी साल मई महीने में एक मुफ्त आवंटन कर दिया गया. बलरामपुर जिले में कुल 1 लाख 16 हजार बच्चे मध्यान्ह भोजन के दायरे में आते हैं. मध्यान्ह भोजन संचालन की जवाबदारी स्वयं सहायता समूह को दी गई है. मध्यान्ह भोजन को कमाई का जरिया बना लेने के कारण बच्चों को मेन्यू के अनुरूप भोजन नहीं मिल पा रहा है
बलरामपुर जिले का आकड़ा
प्राथमिक स्कूल – 1402
माध्यमिक स्कूल – 582
दर्ज संख्या
प्राथमिक स्कूल – 76323
माध्यमिक स्कूल – 40306
कुल रसोइया संख्या – 3625
संचालनकर्ता – 1984