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Chhattisgarh: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में काम दिलाने के नाम पर 15 करोड़ की ठगी, हाईकोर्ट में 7 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

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बिलासपुर हाईकोर्ट

Chhattisgarh News: बिलासपुर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर काम दिलाने के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोपी केके श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रकरण की केस डायरी मंगवाकर 7 अक्टूबर को अगली सुनवाई रखी है.

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में काम दिलाने के नाम पर 15 करोड़ की ठगी

चीफ जस्टिस की बेंच ने श्रीवास्तव की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान तीखी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि यह एक बड़ी धोखाधड़ी का मामला है, जो स्पष्ट करता है कि अदालत ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि केस डायरी प्राप्त होने के बाद ही मामले की अगली सुनवाई होगी, जिससे इस मामले की पूरी जांच और साक्ष्यों की समीक्षा के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. भूपेश बघेल के करीबी रहे केके श्रीवास्तव पर आरोप है कि उन्होंने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में काम दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी की. उन्होंने कई लोगों से इस प्रोजेक्ट में शामिल होने के लिए बड़ी धनराशि ली. दिल्ली के रावत एसोसिएट के डायरेक्टर अर्जुन रावत ने रायपुर में शिकायत की थी कि उनकी कंपनी हाईवे कंस्ट्रक्शन, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और सरकारी बिल्डिंग का निर्माण करती है, 2023 में आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णन उनको रायपुर लेकर आए थे, उन्होंने उसकी मुलाकात बिलासपुर में रहने वाले केके श्रीवास्तव से कराई, जो अनुरागीधाम के कर्ताधर्ता हैं. आरोप है कि उन्होंने खुद को तत्कालीन सीएम का करीबी बताकर ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ रुपए ले लिए, लेकिन काम नहीं दिलाया.

रायपुर पुलिस ने शिकायत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था. केके श्रीवास्तव के बिलासपुर अज्ञेय नगर स्थित घर पर छापा मारा गया था, लेकिन श्रीवास्तव वहां नहीं थे. गिरफ्तारी से बचने उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका लगाई है.

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