Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के उद्योगों को लेकर एक बड़ा फैसला लेने जा रही है. सरकार के इस फैसले के बाद विदेशों में सामानों की सप्लाई को बेहतर किया सकेगा. इसके लिए उद्योग विभाग के अधिकारी काम कर रहे है. कहा जा रहा है कि इसे लेकर जल्द ही सरकार एमओयू करने जा रही है. एमओयू से पहले प्रदेश में इसे लेकर सियासत शुरु हो चुकी है.
उद्योग को लेकर बड़ा फैसला लेगी सरकार
छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संपदा से भरपूर राज्य है. राज्य में संभावनाएं बहुत है. इसके साथ ही यहां के प्रोडक्ट की विदेशों में भी डिमांड सबसे ज्यादा देखने को मिलती है. ऐसे में कई देशों में यहां के प्रोडक्ट एक्सपोर्ट किए जाते है. जिसे लेकर यहां के उद्योगपतियों को कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसी ही परेशानी को लेकर बीते दिनों उद्योगपतियों ने उद्योग मंत्री से मुलाकात की थी. जिसके बाद उद्योग विभाग प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट को लेकर जल्द बड़ा फैसला लेने वाला है. उद्योग विभाग के अधिकारी कलकत्ता स्थित इंडियन इंटिट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड के साथ एमओयू करने की तैयारी कर रही है. जिसके बाद छत्तीसगढ़ के प्रोडक्ट को आसानी से विदेशों में एक्सपोर्ट किया जा सकता है.
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इस सरकार से भरोसा से उद्योगपतियों भरोसा उठा – दीपक बैज
इंडियन इंटिट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड से एमओयू के साथ ही छत्तीसगढ़ में पहली बार आईआईएफटी का दफ्तर भी खुलेगा. जहां व्यापारी अपनी समस्या के साथ ही विदेशों में होने वाले प्रोडक्ट के डिमांड की जानकारी भी ले सकते है. जिससे यहां के प्रोडक्ट को आसानी से विदेशी बाजारों में भेजा जा सकता है. वहीं किन देशों में कौन सा प्रोडक्ट बैन है इसकी जानकारी भी आसानी से मिल पाएगी. हालांकि इसे लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ के उद्योगपतियों का इस सरकार से भरोसा उठ गया है. जो सरकार एमओयू कर रही है वह दिखावा है. बड़े हुए बिजली के दामों से उद्योगपति भी परेशान है. सरकार छत्तीसगढ़ के उद्योगपतियों को मदद नहीं कर पा रही है. एमओयू करना सरकार के लिए कोरी कल्पना है.
छत्तीसगढ़ के कई प्रोडक्ट ऐसे हैं जिनकी डिमांड विदेशी बाजारों में सबसे ज्यादा है. कई बार ऐसी स्थिति होती है कि कुछ प्रोडक्ट विदेशी बाजारों में बैन होते है उसके बाद भी एक्सपोर्ट कर दिया जाता है. जिसकी वजह से व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में इस तरह की समस्या को दूर करने की कोशिश सरकार द्वारा की जा रही है. हालांकि इसे लेकर कांग्रेस भी सरकार पर हमलावर है. अब देखना होगा कि आईआईएफटी के साथ होने वाले एमओयू से प्रदेश के व्यापारियों को कितना लाभ मिल पाता है.