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Chhattisgarh: गायत्री और आमगांव कोल माइंस से हर माह 3.50 करोड़ के कोयले की चोरी, ईंट-भट्टों की आड़ में माफिया चला रहे अवैध कोल डिपो

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Chhattisgarh News: सूरजपुर जिले के गायत्री और आमगांव स्थित एसईसीएल के कोल माइंस से हर रोज 200 टन से अधिक कोयला की चोरी माफिया ग्रामीणों के माध्यम से करा रहें हैं. इससे एसईसीएल को महीने में कम से कम 3.50 करोड़ रुपये का बड़ा नुकसान हो रहा है, लेकिन एसईसीएल प्रबंधन कोयला चोरी रोकने में नाकाम है. वहीं स्थानीय पुलिस भी दिखावे के लिए चोरी रोकने की कार्रवाई की बात करती है. लेकिन माफिया ने कई पुलिसकर्मियों और माइनिंग विभाग के अफसरों से तगड़ी सेटिंग कर ली है जिसके कारण कोयला चोरी का काला धंधा ख़ामोशी के साथ चल रहा है.

विस्तार न्यूज़ की पड़ताल में सामने आया है कि गायत्री और आमगांव कोल माइंस से पांच सात किलोमीटर की दूरी पर 10 से अधिक ईट भट्टा चल रहें हैं. ईट भट्टा संचालक ग्रामीणों को कोयला चोरी के लिए भेजते हैं और ग्रामीण बाइक से बोरों में भरकर कोयला भट्ठा तक लेकर आते हैं. जहां माफिया दो रुपये किलो के हिसाब से कोयला खरीदते हैं इसके बाद ईट पकाने के लिए जितना कोयला का जरूरत होता है उसका उपयोग कर रहें हैं और बाकी कोयला ट्रकों में लोडकर डिपो में बेच दे रहें हैं.

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ईट भट्टे की आड़ में कोयला की तस्करी

मफिया यहां कोयला तस्करी करने के लिए भट्ठा चला रहें हैं और भट्ठे की आड़ में बड़े पैमाने पर कोयला तस्करी किया जा रहा है. जबकि ये भटठे भी अवैध हैं, चिमनी भट्टा के नाम पर माफिया ने लोहा का चिमनी बना रखा है जो अवैध है. लेकिन इसके बाद भी खनिज विभाग के अफसर इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहें हैं. वहीं गमला ईट भट्टा भी खुलेआम चल रहें हैं. जहां अवैध कोयला खप रहा है.

कोयला के इस अवैध कारोबार को राजनैतिक संरक्षण भी है क्योंकि माफिया के खिलाफ इसकी वजह से भी अफसर कार्रवाई नहीं कर रहें हैं, क्योंकि सरकार किसी पार्टी की हो माफिया सत्ता में रहने वाले नेताओं से संरक्षण पा लेते हैं और कई बार कार्रवाई करने पर अफसरों का ट्रांसफर तक हो जाता है. बता दें कि इलाके के लैंगा, खुटिया, केतका, जोबगा, रामनगर, दतिमा के अलवा अन्य गांव के भट्टों में भी कोयला पहुंच रहा है.

ग्रामीणों की डर से भाग जाते हैं सुरक्षाकर्मी

कोयला चोरी रोकने के लिए एसईसीएल द्वारा खड़ा कराए गए दीवार और बाउंड्री को भी माफिया ग्रामीणों से तुड़वा देते हैं. वहीं सुरक्षाकर्मी भी सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों को देखकर भाग जाते हैं. दूसरी तरफ एसईसीएल के अफ़सर पुलिस और प्रशासन को कोयला चोरी रोकने मंदद मागते हैं. लेकिन जिला प्रशासन के बड़े अफ़सर कार्रवाई करना चाहते हैं पर उनके अधीन काम करने वाले अधिकारी कर्मचारी माफिया के झांसे में आ जाते हैं और कोयला का नकली दस्तावेज दिखाकर बच जाते हैं. इसके लिए अफ़सर ही माफिया को मौका भी देते हैं.

सरगुजा में हो रहा अवैध खनन

इसी तरह सरगुजा जिले के लखनपुर क्षेत्र में भी कोयला का अवैध खनन किया जा रहा है और इसके बाद ग्रामीण बाइक से कोयला भट्टों में पहुंचा रहें हैं. जिसमें स्थानीय बड़े नव निर्वाचित पदाधिकारियो का संरक्षण भी है. बता दें कि कुछ माह पहले स्थानीय विधायक के भाई का पुलिस के एक अधिकारी से थाना के अंदर विवाद हो गया था. जब पुलिस अधिकारी ने कोयला चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई किया था. वहीं विवाद के बाद पुलिस अधिकारी को लखनपुर थाना से हटा दिया गया था. पुलिस अफ़सर के हटने के बाद हर रोज कोयला ट्रकों में लोडकर तस्करी किया जा रहा है, वहीं भटठों में भी खुलेआम अवैध कोयला का उपयोग किया जा रहा है.

सूरजपुर कलेक्टर रोहित व्यास ने कहा है कि अवैध ईट भट्ठा की आड़ में कोयला तस्करी करने वाले माफियाओ के खिलाफ कार्रवाई किया जायेगा, इसके लिए अभियान शुरू करेंगे बड़े माफिया भी जद में आएंगे.

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