Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में रेलवे जोन कहने को सबसे बड़ा ट्रेनों का जंक्शन है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारी इन स्टेशनों पर तमाम सुविधाओं का दावा कर रहे हैं लेकिन इनके स्टेशनों का हाल बेहाल है. किसी स्टेशन पर कुत्ते, गाय और गंदगी का आलम है तो कहीं टिकट काउंटरों पर मुसाफिरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ट्रेनों के लगातार रद्द होने से और भी परेशानी बढ़ गई है। कुल मिलाकर रेल अधिकारी भी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं और यही कारण है कि ट्रेनों में समस्या बढ़ती जा रही है.
उसलापुर स्टेशन पर गाय-कुत्ते, गंदगी और गोबर
विस्तार न्यूज़ की टीम ने स्टेशनों पर यात्रियों से मिल रही शिकायत के बाद बिलासपुर के दूसरे सबसे बड़े स्टेशन उसलापुर का जायजा लिया. यहां हालात चौंकाने वाले पाए गए। स्टेशन के भीतर जहां रेलवे दावा करता है कि सफाई और सुरक्षा के इंतजाम है, लेकिन दूसरी तरफ यह दोनों वादे यहां टूटते दिखे. रेलवे स्टेशन के भीतर घुसने पर गाय का गोबर यात्रियों की स्वागत करता जमीन पर पड़ा नजर आया. प्लेटफार्म नंबर दो और तीन पर कुत्ते सोए हुए थे. यहां इर्द-गिर्द जब नजर गई तो सामने आया कि ठेकेदारों ने अपना सामान यहां डंप करवा दिया है जिसके कारण आधे प्लेटफार्म पर यात्रियों की बैठने की जगह और कुर्सियां गायब है. बची हुई कसर यहां रेलवे काउंटर पर टिकट खरीदने की अव्यवस्था पूरी कर रही थी. सिर्फ एक काउंटर से रिजर्वेशन और सामान्य टिकट दिया जा रहा था जबकि दूसरे काउंटर पर यह कहकर इसे बंद कर दिया गया की लिंक फेल है। जाहिर है यात्रियों को समस्याएं होंगी उन्होंने खुलकर अपनी तकलीफें बताई और कहा कि एक तरफ यहां टिकट देने वाले कर्मचारियों की लेट लतीफी से उनकी ट्रेन मिस हो रही है वहीं दूसरी तरफ यहां कोई किसी बात का ठीक तरह से जवाब देने को तैयार नहीं है.
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टिकट काउंटर में भी मारामारी
रेलवे नहीं यात्री की सुविधाओं की हाईटेक करने के लिए कई तरह के ऑटोमेटिक टिकट मशीन खरीदी है जिसे न सिर्फ रेलवे के मुख्य स्टेशन पर रखा गया है बल्कि उसलापुर स्टेशन पर भी इस इस टिकट काउंटर के सामने रखा गया है लेकिन यह यात्रियों को मुंह चिढ़ा रही है. प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि यह टिकट मशीन सालों से बंद है और बेकार में रेलवे ने इसे खरीद कर सिर्फ लाखों रुपए पानी में बहा दिया है. टिकट के लिए उन्हें घंटा लाइन में लगकर जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
लाखों रुपए खर्च के बाद भी सुविधाओं का अभाव
रेलवे स्टेशन पर सबसे बड़ी समस्या उस टाइल्स की नजर आई जिसमें पानी पड़ने पर वह फिसल रही है. इसके लिए रेलवे अधिकारी जगह-जगह लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं। रेलवे स्टेशन बहुत ही संवेदनशील स्थान होता है जहां ट्रेन आती जाती है और यात्री उसे पर चढ़ते उतरते हैं जिसके कारण यहां ऐसी टाइल्स लगानी चाहिए जिसमें फिसलन नहीं हो लेकिन विस्तार न्यूज़ की टीम ने न सिर्फ टीले पर चलकर बल्कि उस महसूस कर यह पाया कि ट्रेन में चढ़ने पर यात्रियों को फिसलन और दुर्घटना की आशंका हो सकती है जिस पर रेल अफसर को ध्यान देने की जरूरत है। कुल मिलाकर चारों तरफ गंदगी, अव्यवस्था और कोई और समस्याएं थीस पर रेल अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं यही वजह है कि मुसाफिर परेशान है.