Chhattisgarh News: बीजापुर जिले में लगातार हो रही बारिश से उत्पन्न बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए डीआईजी दंतेवाड़ा कमलोचन कश्यप, कलेक्टर संबित मिश्रा और एसपी डॉ. जितेन्द्र यादव ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. उनके साथ डीएफओ रामाकृष्णा वाय, एडिशनल एसपी वैभव बैंकर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. इस दौरे में भोपालपटनम ब्लॉक के रामपुरम और तिमेड़ के इन्द्रावती नदी क्षेत्र का निरीक्षण किया गया. लगातार हुई अतिवर्षा के कारण भोपालपटनम क्षेत्र में जिले की प्रमुख नदी इंद्रावती में बाढ़ विकराल हो गई थी और इस नदी के इर्द गिर्द बसने वाले गांव प्रभावित हो गए हैं . इंद्रावती नदी से मिलने वाले नालों में भी जलस्तर बढ़ जाने के कारण अकेले भोपालपटनम क्षेत्र के ही लगभग दो दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए.
मट्टीमरका नाम के एक गांव की स्थिति के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक यह गांव पूरी तरह से टापू बनकर रह गया है हालांकि राहत वाली ख़बर यह भी मिली है कि यहां डुबान जैसी कोई परिस्थिति फिलहाल निर्मित नहीं हुई है जबकि, चन्दूर, लिंगापुर, गंगारम, रामपुरम, बामनपुर, अर्जुनल्ली, कोंडामोसम, तारलागुडा और तीमेड समेत 20 से अधिक गांवों में जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है. “सड़कों पर जलभराव की स्थिति निर्मित होने और प्रमुख मार्ग बाधित हो जाने से आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गए हैं, जनजीवन इतना बाधित हुआ है कि प्रशासनिक अमले के वरिष्ठ अधिकारियों को मैदान में उतरकर कमान संभालनी पड़ी है ।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का डीआईजी, कलेक्टर और एसपी ने किया दौरा
कलेक्टर मिश्रा ने सरपंच और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बाढ़ की स्थिति की जानकारी लेते हुए मैदानी अमले को निर्देश दिया कि वे सतत निगरानी रखें और परिस्थिति से प्रशासन को अवगत कराते रहें. उन्होंने कंट्रोल रूम और एसडीएम कार्यालय को निर्देश दिया कि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता के लिए तैयार रहें, जबकि नगर सैनिकों को बाढ़ वाले क्षेत्रों में रेस्क्यू के लिए भी तैनात कर प्रभावितों को राहत पहुंचाने के कार्य लगातार चल रहे हैं. प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इस दौरान एसडीएम भोपालपटनम वाय के नाग, सीईओ जनपद पंचायत दिलीप उईके और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे.
प्रशासन ने लोगों को बाढ़ के दौरान सतर्क रहने और जोखिम भरे कार्यों से बचने की सलाह दी है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके. बहरहाल बाढ़ के कारण जानमाल के नुकसान जैसी कोई अप्रिय घटना प्रकाश में नहीं आई है जो कि राहत की ख़बर है लेकिन प्रशासनिक तंत्र ग्रामीणों को होने वाली संपत्ति के नुकसान के ब्यौरे जुटाने और उन्हें तात्कालिक राहत पहुंचाने की दिशा में चौकस दिखाई दे रहा है.