Chhattisgarh News: देश की सुरक्षा करने वाले भाइयों तक रक्षाबंधन के पर्व पर उनकी कलाइयों में अपने प्रेम और विश्वास से पिरोई गई राखियों को सजाने के लिए राजनांदगांव के अभिलाषा दिव्यांग विद्यालय के बच्चे राखी निर्माण में जुटे हुए हैं. प्रतिवर्ष यहां के बच्चों के द्वारा बनाई गई सैकड़ों राखियों को सेना के जवानों तक भेजी जाती है.
दिव्यांग बच्चों ने बनाई राखी
राजनांदगांव शहर की शासकीय अनुदान प्राप्त संस्था अभिलाषा स्कूल में अस्थि बाधित छात्राएं रक्षा बंधन के इस पर्व पर प्यार, आस्था और विश्वास के अद्भुत संगम को अपनी कल्पनाओं से रेशम की डोर में पिरोती हैं. इन दिव्यांग बच्चों द्वारा बनाई गई राखी भाईयों की कलाई पर प्यार और विश्वास के अटूट बंधन का संदेश देती है और अपनी भावनाओं को रेशम की डोर में पिरोकर इस त्योहार को उत्साह और उमंग से भर देती हैं. इन छात्राओं के द्वारा निर्मित राखी नक्सल विरोधी अभियान में जुटे जवानों तक भी भेजी जाती है. राखी निर्माण कार्य में जुटी अस्थि बाधित कक्षा आठवीं के छात्रा साक्षी का कहना है कि पहले एक हाथ से राखी बनाने में कठिनाई होती थी, धागा फिसल जाता था और मोतियां बिखर जाती थी, लेकिन सतत अभ्यास से सब संभव हो गया। अब एक राखी बनाने में 15-20 मिनट ही लगता है.
स्कूल में चलाया जाता है स्किल डेवलपमेंट
अभिलाषा विद्यालय के प्रशासक दिलीप श्रीवास्तव ने बताया कि इन बच्चों को समय-समय पर स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम चलाकर प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके. राखी निर्माण कार्य के लिए भी यहां के शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है. इसके बाद यहां के बच्चे इस कार्य को काफी सरलता से कर लेते हैं और इन राखियों को विभिन्न माध्यमों से देश के वीर जवानों को भेजी जाती है.
सुरक्षा बल के जवानों को भेजे जाने वाले राखियों के निर्माण के लिए कुंदन, मौली धागा, रेशम धागा, मोतियों से बच्चे राखी निर्माण कर रहे हैं. इन दिव्यांग छात्राओं को राखी बनाने के लिए जरूरत के सामान संस्था के द्वारा मुहैया कराई जाता है. 30 वर्ष पूरानी इस शिक्षण संस्था में लगभग 17 वर्षों से इस तरह राखी बनाने का सिलसिला चला आ रहा है.