Chhattisgarh News: इंसान के मरने के बाद आत्मा का क्या होता है…? इसको लेकर कर्म के आधार पर मान्यताएं है…घर के बुजुर्ग बताते थे कि अच्छे कर्मों से स्वर्ग लोक में जगह मिलती है. बुरे कर्मों से नर्क लोक में जाना पड़ता है. यही नहीं पुनर्जन्म और आत्मा के भूत बनने की कहानियां भी घर के बुजुर्ग सुनाया करते है, लेकिन आज आपको आत्म से जुड़ी एक रिसर्च बताऊंगा. रिसर्च में आत्मा का वजन बताया गया है. कितना है आत्मा का वजन? ये सुनकर हैरना हो गए न…चलिए सबकुछ विस्तार से बताते है.
आत्मा पर 100 साल पहले हुआ था रिसर्च
सबसे पहले रिसर्च के बारे में में जानकारी मिली है, रिसर्च बहुत पुराना है. 1909 में अमरीका के डॉ डंकन डॉगल ने किया था. यानी 100 साल से भी पुराना रिसर्च है, लेकिन आत्मा पर रिसर्च हुआ है इसलिए इंटरेस्टिंग है. इसपर पूरी दुनिया में आलोचना हुई है. आत्मा को मानने वाले सही बता रहें और नहीं मानने वाले बकवास रिसर्च बता रहें है. इसलिए इसपर बात करना जरूरी है.
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जानिए कैसे हुआ था रिसर्च
इंसान का शरीरी निष्क्रिय हो जाता है तो शरीर में क्या बदलाव होता है? इसी पर कई सालों तक अध्ययन किया गया. इसके लिए एक खास तरह के तराजू को मरीज के बिस्तर में सेट किया गया. ये तराजू 28 ग्राम तक के कोई भी बदलाव को बता सकता है. डॉक्टर डंकन ने अपने इस प्रयोग के रिजल्ट को जब सार्वजनिक किया. तो सब हैरान हो गए. डंकन का दावा था कि इंसान का शरीरी निष्क्रिय हो जाता है यानी सांसे थम जाती है तो शरीर का वजन 21 ग्राम कम हो जाता है. कुल 6 लोगों के शरीरी को तौला गया था. 2 लोगों के रिपोर्ट हटा दिया गया क्योंकि उस समय मशीन सेट नहीं हुआ रहा और 4 लोगों के शरीर में वजन कम होना पाया गया था.
इसके बाद डॉक्टर डंकन ने 15 कुत्तों पर भी रिसर्च किया, लेकिन कुत्तों का शरीर निष्क्रिय हुआ तो वजन में कोई बदलाव नहीं हुआ था. इसलिए डॉक्टर ने अपने रिसर्च में दावा किया की इंसान के शरीर में आत्मा होती और कुत्तों के शरीर में आत्मा नहीं होती.