Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में एक 20 साल के युवक की मौत के बाद उसके डीएनए टेस्ट की मांग हो रही है. एक परिवार को आशंका है कि वह युवक उनका बेटा है जो 20 साल पहले अस्पताल में बदल दिया गया था और तब डाॅक्टरों ने उन्हें एक मरी हुई बच्ची को दे दिया था. ये मामला राज्य महिला आयोग की जनसुनवाई में सामने आया है.
अस्पताल में बच्चा बदलने की आशंका
दरअसल, बुधवार को अंबिकापुर में महिला आयोग की जनसुनवाई हुई है. इसमें जशपुर आए एक परिवार ने हैरान करने वाला मामला बताया है. यहां एक व्यक्ति ने दूसरे के बेटे को खुद का बेटा होने की आशंका पर उसकी मौत हो जाने के बाद अब डीएनए टेस्ट कराने की मांग की है. उसने यह मांग महिला आयोग के सामने रखा और जब उसकी मांग और पूरी कहानी को आयोग के पदाधिकारियों ने सुना तो वे हैरान रह गए.
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बच्चा जब बड़ा हुआ, दूसरे से मिलने लगी शक्ल
जशपुर के एक व्यक्ति ने बताया कि 20 साल पहले उसके बच्चे का जन्म अस्पताल में हुआ. तब उसे बताया गया था कि पुत्र का जन्म हुआ है, इसके बाद दूसरे दिन अस्पताल में उसकी मौत हो गई और जब उन्हें नवजात का शव दिया गया तो वह पुत्री का था. इसके बाद उनके गांव में उसके जैसे चेहरे वाला एक बच्चा बड़ा हुआ. उसकी उम्र 20 साल हो गया और उसकी मृत्यु 15 जून 2023 को हो गई. मृतक का अंतिम संस्कार ईसाई धर्म के अनुसार किया गया, लेकिन अब आयोग में पहुंचे व्यक्ति को शक है कि अस्पताल में जिस नवजात का शव उसे दिया गया था, वह उनका बच्चा का नहीं था और उनके बच्चे को दूसरे को दे दिया गया, जो बड़ा होने पर उसके जैसा दिखता था.
जिसकी मौत हो गई, उस लड़के की DNA टेस्ट की मांग
इसलिए उसने महिला आयोग की जनसुनवाई में ये मांग किया है कि मृत युवक के शव का अवशेष निकलवाकर डीएनए परीक्षण कराना चाहता है ताकि यह साबित हो सके कि वह उसका पुत्र था. इस पर आयोग ने आवश्यक कार्यवाही के लिए जशपुर कलेक्टर को पत्र लिखा है और प्रतिवेदन आयोग को प्रस्तुत करने कहा है.