Chhattisgarh News: अंबिकापुर में खाद्य की कालाबाजारी के खिलाफ कृषि विभाग के अधिकारियों ने कार्यवाही का दावा किया, लेकिन खाद की कालाबाजारी करने वाले दुकानदार के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई और इसी वजह से अंबिकापुर के उर्वरक निरीक्षक श्वेता पटेल को यहां से हटा दिया गया, लेकिन नए निरीक्षक के द्वारा भी अब तक खाद की कालाबाजारी करने वाले दुकानदार के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई है. ऐसे में कृषि विभाग के उपसंचालक सहित तमाम अधिकारियों पर सवाल उठने लगे हैं. वहीं सवाल यह भी उठ रहे हैं, कि आखिर जिला प्रशासन का जिला स्तरीय टीम कालाबाजारी के मामले में क्या कार्रवाई कर रहा है, क्योंकि पिछले दिनों कृषि विभाग के अधिकारियों ने डिगमा स्थित सरगुजा राय कृषि केंद्र में 1200 से अधिक बोरी उर्वरक बरामद किया था.
कालाबाजारी के बाद भी दुकान नहीं हुआ सील
जिसका बिल दुकानदार के पास नहीं था. वहीं अवैध तरीके से खाद भंडारण के साथ अधिक रेट में खाद बेच जाने का भी खुलासा हो गया था, लेकिन अधिकारियों ने दुकानदार को नोटिस जारी कर मामले का रफा दफा कर दिया. इस पूरे मामले में अब अधिकारी कार्यवाही की बात करने पर कोई भी ठोस जवाब नहीं दे रहे हैं, जबकि जानकारों का कहना है कि इस पूरे मामले में खाद दुकान को सील करना चाहिए था और इसके बाद पुलिस में अपराध दर्ज करना चाहिए था क्योंकि यह पूरा मामला खाद की जमाखोरी का भी था लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
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अंबिकापुर में कृषि विभाग के अधिकारी खाद की कालाबाजारी करने वाले लोगों से इतना डरे हुए हैं कि कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं और तो और कई खाद दुकानों में कृषि विभाग के अधिकारी दबिश तक नहीं दे रहे हैं और दूसरी तरफ खाद कालाबाजारी लगातार जारी है. कई दुकानदार किसानों को यूरिया, डीएपी सहित दूसरे खाद निर्धारित रेट से अधिक में बेच रहे हैं और विभाग के अधिकारी और खाद निरीक्षक सिर्फ शिकायत का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जरूरत है क्योंकि जिला प्रशासन की टीम लगातार खाद के कालाबाजारी करने वालों पर कार्यवाही करने से बच रही है.
खाद्य निरीक्षक को हटाया, नए निरीक्षक भी नहीं कर रहे कार्रवाई
वही इस पूरे मामले पर कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर रोशन लाल धुरंधर ने बताया कि अगर अधिकारियों ने बिना बिल का उर्वरक बरामद किया और उसके बाद दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दुकान सील नहीं किया है तो यह गलत है. वे इसकी जानकारी अधिकारियों से लेंगे और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही के लिए निर्देश जारी करेंगे. बता दे की अंबिकापुर के कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने अजित सिंह नामक एक किसान के द्वारा अधिक रेट में खाद बेच जाने की शिकायत के बाद सरगुजा कृषि राय केंद्र में छापा डाला था इसके बाद दुकान में 1200 से अधिक बोरी उर्वरक बरामद किया गया था और अधिकारी यहां पर 6 घंटे बैठकर कागजी खाना पूर्ति करते रहे.
वही इस दौरान अधिकारी लगातार करते रहे कि दुकान को सील किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और कृषि उपसंचालक की मौजूदगी में ही मौके से खाद निरीक्षक वहां से बिना कार्रवाई किए चली गई थी और बाद में उनके पीछे अधिकारी भी वहां से चले गए थे. इसके बाद अंबिकापुर की खाद्य निरीक्षक श्वेता पटेल को हटा दिया गया और जे आलम को उसकी जगह पर प्रभार दिया गया लेकिन नए खाद निरीक्षक के द्वारा भी अब तक इस मामले में कार्यवाही नहीं की जा रही है. ऐसे में खाद की कालाबाजारी करने वालों का हौसला बुलंद हो गया है.