Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में आज सतनामी समाज ने उग्र प्रदर्शन किया है. अमर गुफा में तोड़फोड़ के मामले में प्रदर्शनकारियों ने सरकार से सीबीआई जांच की मांग की है. लेकिन राज्य सरकार ने का मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया है. इससे नाराज सतनामी समाज के हजारों लोगों ने आज बलौदा बाजार जिला में जमकर उत्पात मचाया है. सतनामी समाज के प्रदर्शनकारियों ने आज बलौदा बाजार जिले में 200 से अधिक गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया.
इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर कार्यालय, एसपी कार्यालय और तहसील कार्यालय में भी आग लगा दी. मौके से सभी अधिकारियों ने जान बचाकर भाग निकले. फायरब्रिगेड की गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया है. जब पुलिस ने प्रदर्शन करने वालों को कलेक्ट्रेट जाने से रोका तो पुलिस पर पथराव किया और जमकर झड़प हुई है. इसमें पुलिसवाले और प्रदर्शनकारी घायल हुए है. हालांकि घायलों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं हुई है.
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क्या है यह पूरा मामला?
इस प्रदर्शन की पूरी कहानी आपको बताते है. दरअसल 15-16 मई की रात को कुछ उपद्रवियों ने सतनामी समाज के आस्था के प्रतीक जैतखाम में तोड़ फोड़ किया था. अमर गुफा सतनामी समाज के महान संत गुरू घसीदास बाबा की तपो स्थली है. जहां सतनाम पंथ को मानने वाले लोग पूजा-अर्चना करते हैं. लेकिन 15 मई की रात को 3 उपद्रवियों ने जैतखाम में तोड़ फोड़ किया है. ये तीनों बिहार के रहने वाले हैं. जिनको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन सतनामी समाज की तरफ से इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की जा रही है.
कैसे शुरू हुआ था विवाद ?
जिले के स्थानीय ठेकेदार भोजराम अजगल्ले ने 3 लोगों को अमर गुफा के पास स्थित गांव महकोनी में पानी टंकी निर्माण का काम दिया था. इस काम के एवज में इन लोगों को 4 लाख 50 हजार रुपए दिया जाना था. लेकिन 90 प्रतिशत काम पूरे होने के बाद भी भोजराम अजगल्ले ने काम करने वालों को पैसे देने के नाम पर लगातार घुमा रहा था. इसी से गुस्साए लोगों ने अमर गुफा में जाकर तोड़फोड़ किया. हालांकि सतनामी समाज के धर्म गुरु बाल दास ने आरोपियों के गिरफ्तारी के अगले ही दिन अमर गुफा में पूजा अर्चना के साथ जैत खाम की स्थापना किया है.