Chhattisgarh News: ‘रामकाज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम’, सुंदर कांड की यह पंक्तियां इन दिनों पूरे देश में गूंज रही हैं. अयोध्या धाम में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में हर कोई अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना चाहता है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के सत्य साई संजीवनी अस्पताल के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ सहित 50 लोगों की मेडिकल टीम अयोध्या धाम के लिए रवाना हुई. अब भगवान राम के ननिहाल की बेटियां अयोध्या में रामभक्तों का इलाज करेंगी.
रामभक्तों के इलाज के लिए रायपुर से डॉक्टरों की टीम रवाना
दरअसल, रायपुर से 50 लोगों की मेडिकल टीम अयोध्या के लिए रवाना हुई है. इस मेडिकल टीम में 20 डॉक्टर और 30 नर्सिंग स्टाफ हैं. यह टीम रामलला के भक्तों के स्वास्थ्य का ध्यान रखेगी. यह मेडिकल टीम 45 दिनों तक अयोध्या धाम में रहेगी और राम भक्तों का इलाज करेंगे. इसके बाद इतने ही दिनों के लिए दूसरी टीम भी रायपुर से भेजी जाएगी. राज्य सरकार के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के साथ स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस टीम को रवाना किया.
‘500 सालों के बाद श्रीराम घर आ रहे हैं’
मेडिकल टीम को विदा करने के दौरान मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 500 साल बाद भगवान श्रीराम घर आ रहे हैं. यह इतनी शुभ घड़ी है कि हर कोई रामलला को देखने लालायित होगा. लाखों की संख्या में लोग रोज अयोध्या पहुंचेंगे. यह बहुत अच्छी बात है कि सत्य साईं अस्पताल की टीम वहां पहुंच रही है. टीम में जो चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ जा रहे हैं, वे न केवल सेवा कार्य करेंगे. बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए रामलला का आशीर्वाद भी लेकर लौटेंगे.
ननिहाल से अबतक क्या क्या मदद भेजी गई
गौरतलब है कि भगवान राम के ननिहाल में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बड़ी तैयारी चल रही है. राज्य सरकार ने 22 जनवरी को सरकारी छुट्टी घोषित कर दिया है. इसके अलावा रामभक्तों को अयोध्या दर्शन के लिए एक ट्रेन बुक करवा रही है. यात्रियों के आने-जाने, ठहरने और खाने-पीने की पूरी व्यवस्था राज्य सरकार करेगी. एक बार में 800 से 1 हजार रामभक्त अयोध्या जा सकते हैं. इसके अलावा राइस मिलर्स संगठन ने 300 टन सुगंधित चावल अयोध्या भोग और भंडारे के लिए भेजा है. साथ ही कुछ दिनों बाद 100 टन सब्जी भी भेजी जाएगी.