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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में मंत्रियों को हराने वाले विधायकों की हुई पहली राजनीतिक नियुक्ति, जानिए पूरा समीकरण

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इन पाँच विधायकों को मिली जिम्मेदारी

Chhattisgarh News: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सौगातो का पिटारा खोला है. इस बार उनके पिटारे से पांच संभाग के पांच विधायकों को सौगात मिली है. 54 सीट के साथ भारी बहुमत से बनी सरकार में विधायकों के संतुलन को साधने के लिए मुख्यमंत्री ने बड़ा फैसला किया है. विधायकों को प्राधिकरण में जिम्मेदारी देकर मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को साधने की कोशिश की है. पहली सूची में जिन विधायकों को जिम्मेदारी मिली है, उसमें तीन विधायक मंत्री पद की दौड़ में थे. ऐसे में साफ हो गया है कि आने वाले समय में जब मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो उसमें वरिष्ठ और नए विधायकों का तालमेल नजर आएगा.

इन विधायकों को मिली जिम्मेदारी

1. लता उसेंडी को बस्तर विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया.

2. अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गुरु खुशवंत साहब बनाए गए.

3. मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रणव मरपच्ची होंगे.

4. सरगुजा विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष गोमती साय होंगी.

5. अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ललित चंद्राकर होंगे.

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जानिए पूरा समीकरण

अब आप इन नियुक्ति के पीछे के समीकरण को समझ लीजिए. सबसे पहले रायपुर संभाग के आरंग विधानसभा सीट से विधायक गुरु खुशवंत की बात कर लेते हैं. बलौदाबाजार विवाद के बाद से ही गुरु खुशवंत लगातार सक्रिय थे. समाज की नाराजगी को दूर करने और सरकार के साथ तालमेल बिठाने की भूमिका गुरु खुशवंत लगातार निभा रहे थे. उसे समय चर्चा थी कि मंत्री के रिक्त पद पर गुरु खुशवंत प्रबल दावेदार हैं.

बस्तर संभाग के कोंडागांव से विधायक लता उसेंडी को भी प्राधिकरण में जिम्मेदारी दी गई है. आदिवासी मुख्यमंत्री की जब बात सामने आई थी, उस समय लता को मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में भी देखा जा रहा था. सरकार में बस्तर से इकलौते मंत्री केदार कश्यप थे. ऐसे में यह चर्चा थी कि मंत्रिमंडल विस्तार में दूसरे मंत्री के रूप में लता को शामिल किया जा सकता है.

सरगुजा संभाग के पत्थलगांव से विधायक गोमती साय भी मंत्री पद की दौड़ में थी. संसद के बाद जब उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ाया गया तो यह चर्चा थी कि गोमती को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी. हालांकि प्राधिकरण में उपाध्यक्ष बनने के बाद उनके मंत्री बनने की संभावना खत्म हो गयी.

प्राधिकरण की सूची में सबसे चौंकाने वाला नाम बिलासपुर संभाग के मरवाही से विधायक प्रणव मरपच्ची का है. उनको मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया है. प्रणव मरपच्ची ने राज्य गठन के बाद पहली बार मरवाही सीट पर भाजपा को जीत दिलाई है. राज्य बनने के बाद से लगातार यहां जोगी परिवार का कब्जा था.

दुर्ग ग्रामीण के विधायक ललित चंद्राकर को पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया है. वह संगठन खेमे से आते है. सन 2000 से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन पिछले चुनाव में उन्हें टिकट मिला और पहली बार में ही विधायक चुन लिए गए.

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