Chhattisgarh News: भारत निर्वाचन आयोग ने हरियाणा और जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी. माना जा रहा था कि इसी के साथ आयोग छत्तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण समेत अन्य सीटों पर उपचुनाव की भी घाेषणा कर देगा, लेकिन आयोग ने उपचुनाव की घोषणा नहीं की, लेकिन घोषणा की उम्मीद में दावेदारों की धड़कनें जरूर बढ़ गई. साथ ही इसे लेकर प्रदेश की सियासत भी गर्म हो गई.
छत्तीसगढ़ की सियासत में रायपुर दक्षिण सीट बेहद हाईप्रोफाइल सीट रही है. बृजमोहन अग्रवाल ने भाजपा की टिकट पर लगातार यहां से जीत दर्ज की.अब उनके सांसद चुने जाने के बाद इस सीट पर फिर से चुनाव होने जा रहा है. यूं तो उम्मीद थी कि हरियाणा और कश्मीर के साथ चुनाव आयोग इस सीट पर भी उपचुनाव का ऐलान कर देगा.इसीलिए भाजपा और कांग्रेस के दावेदारों की दावेदारी भी खुलकर सामने आई थी,लेकिन देश के किसी भी राज्य में उपचुनाव को लेकर घोषणा नहीं की गई.सियासी गलियारों तक कई नाम सामने आए.
कांग्रेस से ये हैं प्रमुख दावेदार
प्रमोद दुबे, एजाज ढेबर, सन्नी अग्रवाल, आकाश शर्मा, कन्हैया अग्रवाल, पारस चोपड़ा
भाजपा से ये हैं प्रमुख दावेदार
सुनील सोनी, केदार गुप्ता, मनोज वर्मा, मीनल चौबे, संजय श्रीवास्तव, मृत्युंजय दुबे
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बृजमोहन अग्रवाल भीतर से कांग्रेस के साथ हैं – शिव डहरिया
रायपुर दक्षिण उपचुनाव को लेकर दावेदारों की सक्रियता लगातार नजर आ रही हैं.लेकिन उपचुनाव की घोषणा से पहले ही सियासत भी खूब देखने मिल रही है. खासतौर पर बृजमोहन अग्रवाल के रुख को लेकर जुबानी जंग भी देखने मिल रहा है. बृजमोहन अग्रवाल ने जहां कांग्रेस को सलाह दिया कि वे भाजपा के प्रत्याशी का समर्थन कर दें. वहीं पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने एक बार फिर दावा किया कि बृजमोहन अग्रवाल भीतर से कांग्रेस के साथ हैं. भले बाहर से वे भाजपा के प्रत्याशी के सहयोग की बात कहें.
रायपुर दक्षिण के उपचुनाव की घोषणा भले अभी नहीं हुई है.लेकिन सियासी दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. भाजपा ने प्रभारियों की तैनाती कर दी है, जबकि कांग्रेस ने वार्डों में बैठकों का दौर भी शुरु कर दिया है. ऐसे में कौन दक्षिण के दंगल में बाजी मारेगा, यह तो आने वाले समय में पता चलेगा,लेकिन यह तय है कि रायपुर दक्षिण का मुकाबला इस बार और भी दिलचस्प होगा.