Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में 5 से 10 साल पहले अटल व्यवसाय की योजना के तहत दुकानें बनाई गईं. इस उम्मीद के साथ की इन दुकानों को गांव के लोगों को आवंटित करेंगे और बाजार बसाएंगे. स्थिति यह है कि बाजार तो बस नहीं पाई है उल्टे सरकारी योजना में 70 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर बनाई गई इन दुकानों पर अवैध लोगों ने कब्जा कर रखा है.
वहीं कुछ जगह यह दुकान जर्जर हो गई है, तो कहीं दुकानों की शटर, छड़ और यहां तक की ईट-सीमेंट तक गायब है. कुल मिलाकर इस योजना को देखकर कोई भी कह सकता है कि इनमें बड़ा बंदर-बांट किया गया है. विस्तार न्यूज़ ने बिलासपुर जिले के 10 से अधिक गांव का जायजा लिया है जिनमें यह स्थिति साफ तौर पर देखी जा सकती है. बिलासपुर में बिरकोना, बैमा नागोई, खैरा, रतनपुर और उनके आसपास के करीबन 20 से अधिक गांव में यह योजना पूरी तरह फेल हो चुकी है.
ग्रामीण कर रहे दुकानों को आवंटित करने की मांग
ग्रामीण आज भी इन दुकानों को आवंटित करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है. वहीं सब्जी-भाजी खरीदने के लिए भी डेढ़ से दो किलो मीटर दूर जाना पड़ता है. वहीं गांव के ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें सब्जी मंडी दूर पड़ रही है. जिन मंडियों से सब्जी ला रहे हैं वहां भी गाय, कीचड़ और गंदगी ने घर कर लिया है. उनके मुताबिक इस योजना को दोबारा शुरू करने और अव्यवस्थित दुकानों को व्यवस्थित बनाने की मांग उठ रही है.
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कमीशन के फेर में बनाई गई दुकान
कुछ गांव के लोगों का कहना है कि अधिकारियों, जनपद और जिला पंचायत के पदाधिकारी ने मिलकर सरकारी पैसा का बंदर बांट कर दिया है. कई गांव में इसकी जरूरत नहीं थी फिर भी इसे बनाया गया और आज यह बर्बाद हो गया है. उनके मुताबिक इस ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया और बाद में यूं ही छोड़ दिया गया.