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Chhattisgarh News: भक्तों की हर मुराद पूरी करते है, बालोद के भूफोड़ हनुमान, जानिए इस मंदिर की अनोखी कहानी

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भूफ़ोड़ हनुमान जी

Chhattisgarh News:  छत्तीसगढ़ के बालोद जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर ग्राम कमरौद में 400 वर्ष पुरानी भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित है. जिसे लोग चमत्कारी हनुमान भी कहते है. दूर दराज से लोग यहां अपनी मनोकामना लेकर आते है. इस मूर्ति की प्रसिद्धि अब जिले के साथ साथ पूरे छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में भी होने लगी है. वही हनुमान जयंती पर भव्य कार्यक्रम, हवन, विशाल भंडारा, भी होता है.

ऐसे पड़ा भूफोड़ हनुमान नाम

इस मूर्ति के मिलने के पीछे एक कहानी है. रामचरित मानस में उल्लेखित है कि श्रीराम ने हनुमान जी को चिरकाल तक जीवित रहने का आशीर्वाद दिया. जहा माना जाता है की आज भी भगवान हनुमान जीवित है. कुछ ऐसे ही कहानी बालोद जिले के कमरौद के मंदिर में स्थित हनुमान जी की प्रतिमा की है. बताया जाता है की 400 वर्ष पूर्व इस गांव के आसपास काफी सूखा रहता था. जहां लोग काफी परेशान थे. एक दिन जब एक किसान अपने खेत में हल चला रहा था तभी जमीन में उसका हल फंस गया. काफी मशक्कत के बाद जब हल को निकाला गया तब उसमे जमीन के नीचे हनुमान जी की मूर्ति थी. उस मूर्ति की पूरी मिट्टी साफ कर उसे वही स्थापित किया गया. तब से ये भूफोड़ हनुमान जी के नाम से जाने जाते है. जिसके लिए छोटा सा मंदिर भी बनाया गया. मगर मूर्ति धीरे धीरे बढ़ने लगी. जिससे मंदिर का छत टूट जाता था. ऐसा 3-4 बार हुआ. जहां मूर्ति लगातार बढ़ती गई और अब ये मूर्ति 12 फीट की हो गई है, बताया जाता है की जब मूर्ति मिली तो वो सिर्फ 2 फीट की थी जो धीरे धीरे बढ़ती गई. जहां मूर्ति मिली वहां लोगों और दानदाताओं के सहयोग से एक भव्य मंदिर बनाया गया. जिसकी छत की उचाई 28 फीट किया गया है. जहां धीरे धीरे लोगो की आस्था इस मंदिर के प्रति बढ़ रही है.

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पूरी होती है लोगों की हर मुराद

अब इस मंदिर को चमत्कारी हनुमान मंदिर भी कहते है. जहां बड़ी दूर-दूर से लोग इस जगह पर मनोकामना लेकर आते है. ऐसा माना जाता है की इस मंदिर में मांगी गई हर मुराद पूरी होती है. जहां इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था दिनों दिन बढ़ रही है, वही मंदिर के प्रांगण में भव्य शिव लिंग बना हुआ है. तो बाहरी भाग में एक तरफ शनि देव जी स्थापित है तो दूसरी तरफ माँ काली की भव्य विशाल मूर्ति है. जिसे देखते ही नजरे नही हटती, दूर दराज से आये श्रद्धालुओं के लिए पानी बैठक व्यवस्था, सुंदर गार्डन भी बनाया गया है. मंदिर परिसर में बच्चों के लिए झूले भी लगाए गए हैं. महाशिवरात्रि को यहां मेला भी लगाया जाता है. कार और चैत्र नवरात्रि भी मनाई जाती हैं. कहते है चमत्कार को ही नमस्कार किया जाता हैं. मगर ये चमत्कार पूरी तरह श्रद्धा से जुड़ा है. जहां लोगों की हर मुराद पूरी होती है और जहा हनुमान जी का नाम आता है. वहां इस दोहे पर ही पूरी बात समझ आ जाती है.

बालोद का भूफ़ोड़ मंदिर

मंदिर के पुजारी ने दी जानकारी

मंदिर के पुरोहित वेंकटा प्रसाद मिश्रा की माने तो पहले यहां एक छोटा सा मंदिर हुआ करता था.चेतन दास बैरागी यहां पूजा पाठ करते थे. कार और चैत्र नवरात्रि में भी काफी धूम होती है. मंदिर के कोषाध्यक्ष विसम्भर राम चतुर्वेदी की माने तो आज हनुमान जयंती पर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की मन्नत अवश्य पूरी होती हैं. इसीलिए बहुत बहुत दूर दूर तक भक्त यहां आते हैं. विसम्भर बताते है कि अगर दूर दराज से आने वाले लोगों को गांव का नाम मालूम नही है, तो किसी से भी पूछे कि बजरंग बली के मंदिर वाला गांव जाना है, इस तरह कोई भी यहां पहुचा देता हैं. आज हनुमान जयंती पर दिनभर भंडारा खुला रहेगा. प्रसाद के रूप में खीर पूड़ी बटेंगे. पूजा पाठ किया जाएगा.

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