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Chhattisgarh में नहीं होगी नई दवाइयों की खरीदी! स्वास्थ्य मंत्री बोले- करोड़ों की दवाई हो रही खराब, जानें पूरा मामला

Chhattisgarh

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में नई दवाई की खरीदी-बिक्री को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की पिछली कांग्रेस सरकार ने करोड़ों की दवाइयां खरीदी थी, जो खराब हो रही हैं. जब तक इनका उपयोग नहीं हो जाता है तब तक नई दवाइयों की खरीदी नहीं होगी.

नहीं होगी नई दवाइयों की खरीदी

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं और दवाइयों की खरीदी-बिक्री पर बयान दिया है. उन्होंने कहा- पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में खरीदी गई करोड़ों की दवाइयां खराब हो रही हैं. उसका उपयोग जब तक नहीं हो जाता तब तक नई दवाइयों की खरीदी नहीं होगी. उस कार्यकाल में खरीदी गई कई दवाइयों के खराब होने की भी आशंका है. ऐसे में जब तक स्टॉक का पता नहीं चलता तब तक कोई खरीदी नहीं होगी.

जनता को मिल रही बेहतर सुविधाएं

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आगे कहा कि जनता को भ्रामक जानकारी में आने की आवश्यकता नहीं है. सरकार ने अधिकारों का विकेंद्रीकरण कर दिया है. विपक्ष को तकलीफ है कि जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है. AIIMS की तर्ज पर मेडिकल कॉलेजों को उनका अधिकार दे दिया है.

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जानें पूरा मामला

प्रदेश की पिछली कांग्रेस सरकार ने एक साथ 450 करोड़ की दवाइयों की खरीदी की थी. उसी दौरान बेहद कम उपयोग में आने वाले रीएजेंट को भी बड़ी मात्रा में खरीदा गया था. स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें ऐसे हेल्थ सेंटरों में सप्लाई करवा दिया, जहां लैब तकनीशियन तो दूर लैब तक नहीं थे.

CGMSC ने रीएजेंट की खरीदी का ऑर्डर दिया था

CGMSC ने रीएजेंट खरीदा का ऑर्डर एक ही कंपनी को दिया था. उसे दो खेप में सप्लाई के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उसने 15 दिन के भीतर ही पूरा स्टॉक सप्लाई कर दिया. 450 करोड़ से ज्यादा का स्टॉक एक साथ सप्लाई होने से CGMSC के गोदाम में रखने के लिए जगह नहीं बची. इसलिए आनन-फानन में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया कि वे स्टॉक को अपने गोदामों और हेल्थ सेंटरों में सप्लाई करें.

10 करोड़ से अधिक का केमिकल एक्सपायर

जांच में सामने आया कि 10 करोड़ से ज्यादा का केमिकल गोदाम में ही एक्सपायर हो गया. वहीं, 12 करोड़ रुपए का केमिकल अभी भी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन के गोदाम में पड़ा है, जो 31 दिसंबर को एक्सपायर हो जाएगा. इतना ही नहीं करोड़ों का यही केमिकल प्राइमरी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के फ्रीजर्स में पड़ा है. इनमें से ज्यादातर की एक्सपायरी दिसंबर ही है. अस्पतालों में इनका उपयोग तो दूर पैकेट तक नहीं खोले गए हैं, क्योंकि ये रीएजेंट बहुत कम उपयोग में आते हैं. जानकारी के मुताबिक ब्रेन, लीवर, हार्ट या किडनी के ट्रांसप्लांट के पहले जब खून की जांच कराई जाती है, तब इनकी जरूरत पड़ती है.

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