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History of Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की पहचान और उसके अनेक रंग… जानिए क्या है यहां का इतिहास और क्यों है यह खास

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छत्तीसगढ़

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है जिसका नाम सुनते ही लोगों के मन में काफ़ी उत्सुकता जाग जाती है. उत्सुकता इसलिए क्योंकि छत्तीसगढ़ सुनते ही लोगों के जेहन में आदिवासी, जंगल और नक्सलवाद आता है. इसी कारण लोगों की इस प्रदेश को जानने और समझने में काफी रूचि रहती है. जो लोग इस प्रदेश की आबो-हवा से परिचित हैं वो जानते हैं कि छत्तीसगढ़ कितना समृद्ध और खुशहाल प्रदेश है. लेकिन जिन्हें इस प्रदेश के बारे में ज्यादा मालूम नहीं हैं वो केवल यहां मौजूद नक्सलवाद से ही वाकिफ हैं. छत्तीसगढ़ को देश-दुनिया में धान का कटौरा के तौर पर जाना जाता है. इस प्रदेश को धान का कटोरा इसलिए बोला जाता है क्योंकि यहां धान की पैदावार ज्यादा होता है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक रूप से भी काफी समृद्ध है. साथ ही कई ऐसी चीजें भी हैं जो छत्तीसगढ़ की पहचान को दर्शाती हैं.

छत्तीसगढ़ क्यों है खास?

छत्तीसगढ़ 1 नवंबर 2000 को मध्यप्रदेश से अलग होकर नया राज्य बना. प्रदेश का नाम छत्तीसगढ़ पड़ा क्योंकि माना जाता है कि इस क्षेत्र में 36 गढ़ स्थित थे. आपको बता दें कि राज्य में मूल रूप से छत्तीसगढ़ी भाषा प्रचलित है. साथ ही यहां के लोगों को छत्तीसगढ़ी संस्कृति में रहना काफ़ी पसंद है.

संस्कृति: छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध संस्कृति के लिए पहचानी जाती है. राज्य में विभिन्न लोकनृत्य जैसे पंथी, सुआ और राऊत नाचा प्रचलित हैं. इसके अलावा आदिवासी समुदायों के बीच करमा, गौर, सरहुल आदि लोकनृत्य प्रसिद्ध है. राज्य में नृत्य-नाटक पंडवानी भी काफी लोकप्रिय है, जिसमें हिन्दू महाकाव्य महाभारत का संगीतमय वर्णन है. छत्तीसगढ़ की पंडवानी गायिका पद्मश्री तीजनबाई ने पंडवानी को विदेशों तक पहचान दिलाई है. इसके अलावा बस्तर में मौजूद विभिन्न प्रकार की जनजातियों की संस्कृति देखने देश-विदेश से लोग पहुंचते हैं. ख़ासकर बस्तर के आदिवासियों का ढोकरा आर्ट विश्व प्रसिद्ध है. अधिकांश आदिवासी शिल्पकारों की रोजी रोटी ढोकरा आर्ट पर निर्भर है. ढोकरा आर्ट की मूर्तियों की मार्केट में काफी डिमांड है. अगर छत्तीसगढ़ के खान-पान की बात क,रें तो यहां चिला, फरा, बड़ा, बोर-बासी, अंगाकर रोटी, चावल की रोटी जैसे पारंपरिक व्यंजन लोग खूब खाते हैं. छत्तीसगढ़ के लोग सरल और सौम्य जीवन जीना पसंद करते हैं.

पर्यटन: पर्यटन की दृष्टि से छत्तीसगढ़ की बात करें तो इसमें भी प्रदेश बहुत आगे है. छत्तीसगढ़ का ज्यादातर भू-खंड जंगलों से घिरा हुआ है, इसके कारण यहां जल, जंगल और जमीन की जुगलबंदी देखते ही बनती है. प्रदेश में एक से एक टूरिस्ट स्पॉट हैं जहां लोग पिकनिक मनाने और प्रकृति की खूबसूरती को देखने पहुंचते हैं. बस्तर का चित्रकूट जलप्रपात बहुत पॉपुलर है. इसे भारत के नियाग्रा के नाम से भी जाना जाता है. वहीं सरगुजा स्थित मैनपाट हिल स्टेशन को ‘छत्तीसगढ़ का शिमला’ कहा जाता है. इस जगह का तापमान  अन्य जगहों के तुलना से हमेशा कम रहता है और यह जगह गहरी घाटियों, लुभावने झरनों और घने जंगलों से पर्यटकों को खूब आकर्षित करती है. इसके अलावा बस्तर का तीरथगढ़ जलप्रपात और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, कोरिया का गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, सरगुज़ा में रामगढ़ की पहाड़ियां, कोंडागांव में केशकाल घाटी आदि कई स्थल हैं जो छत्तीसगढ़ पर्यटन की शान हैं.

अर्थव्यवस्था: छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और उद्योग पर आधारित है. इन उद्योगों में भी ऊर्जा और इस्पात खासकर शामिल हैं. छत्तीसगढ़ भारत के खनिज समृद्ध राज्यों में से एक है. यहां पर चूना- पत्थर, लौह अयस्क, तांबा, फ़ॉस्फेट, मैंगनीज, बॉक्साइट, कोयला, अभ्रक व टिन के भंडार हैं. पिछले कुछ सालों से छत्तीसगढ़ का आर्थिक परिदृश्य तेजी से बदला है. छत्तीसगढ़ का भिलाई स्टील प्लांट दुनियाभर में प्रसिद्ध है. यह प्लांट एरिया के हिसाब से एशिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट है. यह स्टील प्लांट मुख्य रूप से रेल की पटरियों और भारी इस्पात प्लेटों का निर्माण करता है. वहीं छत्तीसगढ़ के कोरबा में NTPC का सुपर पावर थर्मल प्लांट स्थित है. यह प्लांट गेवरा ओर कुसमुंडा खदानों से कोयला प्राप्त करता है. गेवरा कोल खदान देश का सबसे बड़ा कोल खदान है. इन सब के अलावा रायगढ़ में जिंदल प्लांट है जहां से हजारों लोगों को रोजगार मिलता है.

शिक्षा: प्रदेश में स्कूल से लेकर कॉलेज और यूनिवर्सिटी भी एक से बढ़कर एक हैं. छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक संस्थाएं उपलब्ध हैं. इन शिक्षण संस्थानों में भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर, भारत प्रौद्योगिकी संस्थान, गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर, अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान नवा रायपुर, हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय रायपुर जैसे संस्थान शामिल हैं. इन जगहों पर देश-विदेश से बच्चे अपने करियर को बनाने आते हैं.

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