Chhattisgarh News: ये कहानी शुक्राबाई की ज़िंदगी के ऐसे अध्याय की है, जिसमें उन्हें हर एक सरकारी नुमाइंदे के सहारे की ज़रूरत पड़ती है, और शुक्राबाई को सहारे तो नहीं लेकिन धोखे ज़रूर मिलते हैं, उन्हें ऐसे छला जाता है कि वह दर-ब-दर फरियाद करती हुई भटकती रहती हैं . ये कहानी एक ऐसे ट्विस्ट से शुरू होती है, जब शुक्राबाई अपने पसीने की कमाई का पैसा लेने जिला सहकारी बैंक पहुंचती हैं और बैंक खुद शुक्राबाई से पैसे लेने के इंतजार में तैयार नज़र आता है.
जानिए क्या है पूरा मामला
शुक्राबाई गरीब कृषक हैं. उन्होंने 2023 में अपने खेतों में रात दिन मेहनत कर धान की फसल उगाई थी. कटाई के बाद, छत्तीसगढ़ शासन की धान खरीदी योजना से कुछ आर्थिक लाभ लेने के लिए उन्होंने धान बेचा था. बेचे गए धान के पैसे लेने के लिए शुक्राबाई जब बैंक पहुंचीं तो उन्हें बताया गया कि किसान क्रेडिट कार्ड से जो किसान ऋण उन्होंने लिया था, शुक्राबाई के बेचे गए धान की कीमत उसी ऋण में काट ली गई है. ये जानकारी शुक्राबाई के लिए पूरी तरह नई थी, शुक्राबाई ने तो कभी किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण लिया ही नहीं था. इस अजीब समस्या से निजात पाने के लिए उन्होंने अपने स्तर पर पतासाजी में पाया कि लैंप्स के कर्मचारी ने शुक्राबाई के नाम पर किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण लेकर पैसे आहरित कर लिए हैं. इसके बाद से शुक्राबाई लगातार इस ऑफिस से उस ऑफिस के चक्कर काट रही हैं. कभी थाने जा रही हैं, कभी तहसील कार्यालय, कभी बैंक जाकर मिन्नतें कर रही हैं. तो कभी कलेक्टर बीजापुर से फरियाद कर रही हैं.
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बीजापुर जिला महामंत्री बिलाल खान ने दी जानकारी
इसी साल के अप्रैल महीने से समस्या सुलझती न देख शुक्राबाई ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के बीजापुर जिला महामंत्री बिलाल खान से अपनी समस्या का निराकरण करने के लिए पूर्व मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता महेश गागड़ा तक अपनी बात पहुंचाने का निवेदन किया है. बिलाल खान ने शुक्राबाई आवेदनों के कागजात विस्तार न्यूज़ से साझा कर एक वीडियो के माध्यम से जानकारी दी है, कि बिलाल जल्द ही इस मामले को महेश गागड़ा से अवगत कराएंगे, साथ ही बातचीत में बिलाल खान ने यह भी बताया है कि इस तरह का ये सिर्फ एक ही मामला नहीं है इस तरह के कई मामले और हैं जिनमें किसानों को मालूम ही नहीं है कि उनके नाम से सरकारी कर्मचारी ही लोन लेकर पैसे आहरित कर चुके हैं. अगर ये सच है तो मामला बेहद गंभीर है और इस पूरे मामले की जांच कर प्रशासन को छले गए गरीब किसानों को न्याय दिलाने की दिशा में काम करना चाहिए.