Chhattisgarh News: संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अंबिकापुर के द्वारा आर्यावर्त संस्कृत संग्रहालय एवं अनुसंधान केंद्र का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस संग्रहालय के निर्माण में 20 करोड़ रुपए खर्च होंगे. वहीं इसके लिए 20 एकड़ जमीन की भी जरूरत होगी, यह अनुसंधान केंद्र और संग्रहालय भौतिक रूप के अलावा एआई के माध्यम से संचालित की जाएगी. यह भारत का पहला ऐसा संग्रहालय होगा जो एआई के माध्यम से संचालित किया जाएगा. फिजिकल व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित आर्यावर्त सांस्कृतिक संग्रहालय अनुसंधान केंद्र के निर्माण के लिए अंबिकापुर में कई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और अन्य जानकार लोग भी पहुंचे और उन्होंने इसकी रूपरेखा तय की है.
अम्बिकापुर में बनेगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट से संचालित रिसर्च सेंटर
आर्यावर्त संस्कृतिक संग्रहालय एवं अनुसंधान केंद्र में देश के अलग-अलग राज्यों के शोधार्थी भी आकर रिसर्च कर सकेंगे इसके निर्माण के लिए 20% राशि विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से रिसर्च सेंटर के लिए दिया जाएगा वहीं 80% राशि केंद्र सरकार के द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन को दिया जाएगा. इसकी तैयारी की गई है. वहीं इस केंद्र के लिए एक महीने के भीतर डीपीआर तैयार किया जा रहा है, संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुल सचिव डा एसपी त्रिपाठी ने बताया कि सरकार से 20 एकड़ जमीन की मांग की जा रही है शहर के करीब में जमीन मिल जाने से यहां लोग आसानी से पहुंच सकेंगे वहीं बाकुरा स्थित विश्वविद्यालय के परिसर में भी इसका निर्माण किया जा सकता है लेकिन सर से अधिक दूरी होने के कारण विश्वविद्यालय प्रशासन वहां इसका निर्माण करना उचित नहीं समझ आया है.
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देश के इतिहास के बारे में मिलेगी सही जानकारी
भारतीय अनुसंधान विभाग इमवर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नागपुर के निर्देशक भुजंग बौगाडे ने बताया कि इस रिसर्च सेंटर निर्माण का मुख्य उद्देश्य है कि इसके माध्यम से छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोगों तक देश के इतिहास के बारे में सही जानकारी पहुंच सके। इस संग्रहालय और रिसर्च सेंटर के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन को मुनाफा भी होगा उन्होंने बताया कि अब तक उनके द्वारा सैकड़ो संग्रहालय का देश-विदेश में निर्माण कराया जा चुका है और देशभर के संग्रहालयों की हालत तब सुधरेंगे जब उन्हें इस लायक बनाया जाएगा कि उनसे आय प्राप्त हो उनके द्वारा संचालित संग्रहालय से हर साल करोडो रुपए का मुनाफा होता है, और उन्हें सरकार से रुपए लेने की जरूरत नहीं पड़ती है.