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Chhattisgarh: रायपुर के इस कॉलोनी में फैल रहा पीलिया, 1800 लोगों की खतरे में जान, बच्चे भी हो रहे बीमारी के शिकार

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कॉलोनी की महिलायें

Chhattisgarh News: रायपुर के एक कॉलोनी में रहने वाले 1800 लोगों की जान खतरे में है. राजधानी रायपुर के बोरियाखुर्द में RDA द्वारा बनाई गई एक कॉलोनी में गंभीर बीमारी फ़ैलना शुरू हो गई है. बीमारी का नाम है पीलिया. इस कॉलोनी में रहने वाले लोगों की स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रही है. बीमारी फैलने की वजह से यहां रहने वाले लोगों की जान खतरे में है. RDA यानी रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा बनाई गई इस कॉलोनी में सीवरेज का पानी नलों में घुलकर लोगों के घरों में पहुंच रहा है. जिसके कारण यहां रहने वाले लोगों के घरों के पानी में कीड़े निकल रहे हैं. लोग इसी पानी को उबाल कर पी रहे हैं. गंदगी भरी पानी पीने की वजह से यहां के लोग पीलिया के शिकार हो रहे हैं.पिछले एक हफ्ते के दौरान यहां रहने वाले लगभग 10 लोग पीलिया पीड़ित हो चुके हैं. इनमें बच्चे भी शामिल है. इनमें कुछ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसके अलावा यहां रहने वाले बहुत से लोगों में पीलिया के लक्षण भी है.

RDA के कॉलोनी में फैल रहा पीलिया, 1800 लोगों की खतरे में जान

RDA के कॉलोनी में रहने वाले लोगों के घर के सामने मल खुले में बह रहा है. लोग अपना जीवन नरक में बिता रहे हैं. कॉलोनी में लगे सेप्टिक टैंक से मल ओवरफ्लो होकर बह रहा है, लेकिन इसकी सफाई कराने वाला कोई नहीं है. लोग मजबूरन मुंह पर कपड़े ढक कर दिन रात बिता रहे हैं. गंदगी के बीच ही बच्चे खेल रहे हैं और इसी गंदगी की वजह से बीमारियां भी फैलना शुरू हो गई है. लगातार इस कॉलोनी में पीलियां की शिकायतें आ रही है. RDA का कॉलोनी जिसमें 1800 लोग निवास करते हैं वहां साफ सफाई दूर-दूर तक नहीं है. इस कॉलोनी में आप जहां भी नजर डालेंगे वहां आपको गंदगी पसरी हुई नजर आएगी. हर जगह आपको गंदगी का अंबार दिखेगा. गंदगी के लिए बनाए गए चैंबर ओवरफ्लो हो रहे हैं. जिस चैम्बर में घरों का मल जा रहा है, वह चैंबर खुला पड़ा हुआ है. उसी चैंबर से मल बाहर बह रहे हैं. पूरे कॉलोनी में दुर्गंध फैला हुआ है. लोग जब अपने घरों से निकल रहे हैं तो मुंह पर कपड़े ढक कर निकल रहे हैं. कॉलोनी में सीवरेज का पानी नल के पानी में मिक्स होकर लोगों के घरों तक पहुँच रहा है. कॉलोनी की महिलाएं परेशान हलाकान है. कॉलोनी में रहने वाले रहवासियों का कहना है कि मेंटेनेंस के नाम पर हर महीने उनसे चार्ज लिया जाता है लेकिन इसके बावजूद कॉलोनी में नियमित साफ सफाई नहीं होती है. सालों से गंदगी से भरे पड़े टंकियों की साफ सफाई नहीं हुई है. रहवासियों का कहना है कि गंदगी के बीच ही उन्हें अपनी जीवन बितानी पड़ रही है. दूसरा कोई चारा उनके पास नहीं है. बार-बार शिकायतें करने के बाद भी प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है.

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बच्चे भी हो रहे बीमारी के शिकार

RDA द्वारा बनाई गई इस कॉलोनी में हर कोने का यही हाल है. हर जगह चैंबर खुले हुए हैं. गटर का पानी रोड पर बह रहा है. नाली में कचरा फैला हुआ है. गंदगी ओवरफ्लो होकर बह रहा है. कचरे के बीच जानवर भी बैठे हुए हैं. मानो यह कोई कॉलोनी नहीं बल्कि गंदगी की डंपिंग की जगह हो. कचरे में रह रहे लोगों के बीच लगातार पीलिया और डायरिया जैसी बीमारी फैल रहा है. कॉलोनी में पीलिया की शिकायतें आने के बाद आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां भेजकर कैंप लगाया गया है. घर-घर दस्तक देकर मरीजों की जांच की जा रही है. लोगों को पानी उबालकर पीने काे कहा जा रहा है. वहीं इस पूरे मामले में RDA से सवाल करने पर अथॉरिटी के तरफ से कोई भी जवाब नहीं दिया गया. वही साफ सफाई को लेकर निगम से सवाल किए जाने पर RDA को जिम्मेदार ठहराया गया. बोरियाखुर्द की कालोनी आरडीए ने करीब 14 साल पहले बसायी है, लेकिन लोग पैसा देकर भी बेहतर सुविधा से वंचित है.

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