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Chhattisgarh: लोकसभा के 11 सांसदों ने प्रदेश के साथ कितना किया न्याय?

Lok Sabha Chhattisgarh member of parliament report card

तस्वीर में पीएम नरेंद्र मोदी

Chhattisgarh: आगामी लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बचे हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों के बाद राजनीतिक पार्टियां अब लोकसभा चुनाव के लिए वोट मांगने जनता के बीच जाने वाली हैं. इसके पहले, जानते हैं कि छत्तीसगढ़ के 11 मौजूदा सांसदों ने संसद में प्रदेश के साथ कितना न्याय किया और किस सांसद ने संसद में छत्तीसगढ़ की बेहतरी के लिए आवाज उठाई.

दरअसल. देश में लोकसभा का चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस अपनी अपनी रणनीति तैयार करने में लगी हुई हैं. छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटें है ,जिसमें 9 सीटे बीजेपी के पास और दो कांग्रेस के कब्जे में हैं. वर्तमान 11 सांसदों ने पांच साल के अपने कार्यकाल में संसद के अंदर कितने प्रश्न उठाए?

किस सांसद ने संसद में कितने सवाल दागे?

सबसे जागरूक सांसद की बात की जाए तो वर्तमान में छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री और बिलासपुर से सांसद रहे अरुण साव हैं. उनकी संसद में उपस्थिति 88 प्रतिशत रही. जबकि इन्होंने सबसे ज्यादा 372 प्रश्न उठाए हैं. सबसे कम सवाल जांजगीर-चांपा के सांसद गुहाराम अजगल्ले ने उठाया है. गुहाराम अजगल्ले ने अपने 5 साल के कार्यकाल में मात्र 4 सवाल पूछें हैं. इनकी उपस्थित संसद में 96% प्रतिशत रही. रायपुर के सांसद सुनील सोनी की बात की जाए तो संसद में इन्होंने 153 सवाल उठाए हैं. सोनी की उपस्थिति 96 प्रतिशत रही है.

वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और बस्तर से सांसद दीपक बैज ने 293 सवाल संसद में उठाए. इनकी भी उपस्थिति 96 प्रतिशत रही हैं. दुर्ग से सांसद विजय बघेल की उपस्थिति 86 प्रतिशत रही और जबकि इन्होंने 277 प्रश्न उठाए. राजनादगांव के सांसद संतोष पाण्डेय ने 79 प्रतिशत उपस्थिति  के साथ 106 सवाल किए. कोरबा से कांग्रेस की महिला सांसद ज्योत्सना महंत ने 72 प्रतिशत उपस्थिति के साथ 116 प्रश्न पूछे.

महासमुंद से सांसद चुन्नी लाल साहू ने 128 प्रश्न उठाया और इनकी उपस्थिति 88 प्रतिशत रही. बीजेपी की रायगढ़ सांसद गोमती साय ने 108 सवाल उठाए और इनकी उपस्थिति 93 प्रतिशत रही. 11 सांसदों में सबसे ज्यादा संसद के अंदर कांकेर के सांसद मोहन मांडवी की उपस्थिति रही और मोहन ने 101 सवाल पूछे.

पीएम आवास और नल जल योजना पर नहीं हुआ काम

प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर प्रदेश में काफी सियासत भी देखने मिली. प्रधानमंत्री आवास योजना पर काम नहीं कर पाने के कारण कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री TS सिंह देव ने इस्तीफा दे दिया था. नल जल योजना को लेकर काफी भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे. बीजेपी ने 2023 के घोषणा पत्र में 18 लाख पीएम आवास देने का वादा भी किया.

डबल इंजन की सरकार न होना थी बड़ी वजह?

छत्तीसगढ़ में बीजेपी के नौ सांसद हैं. सांसद सुनील सोनी ने कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार होने के कारण काम करने में बहुत दिक्कत हुई. केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ छत्तीसगढ़ के लोगों को नहीं मिल पाया. कांग्रेस सरकार को बहुत सारे प्रस्ताव सांसदों द्वारा भेजे गए, लेकिन सरकार की नाकामियों के कारण वे पास नहीं हुए. अब राज्य में भी बीजेपी की सरकार है. लिहाजा, काम करने में बीजेपी के सांसदों को कोई दिक्कत नहीं होगी.

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