Lok Sabha Election 2024: देश में राममय हुए माहौल के बीच कांग्रेस को अब चुनाव जीतने से पहले प्रदेश की 11 लोकसभा सीट पर अच्छे उम्मीदवारों की तलाश करने में मशक्कत हो सकती है. दरअसल, ताजा मामला अंबिकापुर का है, जहां पूर्व मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि अंबिकापुर लोकसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री अमरजीत भगत को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. टीएस सिंहदेव के बयान के बाद भगत ने कहा, ‘ओ माई लार्ड… अब भाजपा के ‘राम-राम’ के बीच मुझे ठेलना चाह रहे हैं.’
लोकसभा चुनाव लड़ने के क्यों तैयार नहीं कांग्रेसी नेता?
विस्तार न्यूज से बातचीत में अमरजीत भगत ने कहा, “चुनाव लड़ने के बारे में मैंने नहीं सोचा है, अभी तो विधानसभा में चुनाव हारा हूं, चुनाव लडूं या नहीं, लोगों से बात करना पड़ेगा, लेकिन अगर अंतिम में पार्टी टिकट दे देगी तो लड़ना ही पड़ेगा.” प्रदेश में विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस में जिस तरह की अंतर्कलह मची है और नेता एक दूसरे पर हार का ठीकारा फोड़ रहे हैं, ऐसे में अमरजीत के बयान को समझना आसान है. भगत को सिंहदेव विरोधी खेमे का माना जाता है और सरकार में रहने के दौरान सिंहदेव और भगत के बीच लगातार मनमुटाव की खबरें आती रही हैं.
टी एस सिंहदेव ने बताया कौन होगा सरगुजा लोकसभा सीट के लिए दावेदार
छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम व कांग्रेस के घोषणापत्र के संयोजक टीएस सिंहदेव ने विस्तार न्यूज़ से कहा है कि सरगुजा में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिये कांग्रेस के पास कई नाम हैं. इनमें प्रेमसाय, शशि सिंह, अमरजीत भगत, भानु प्रताप सिंह, लुंड्रा के पूर्व विधायक रामदेव राम की पत्नी सहित अन्य लोग शामिल हैं. लेकिन अब पार्टी को तय करना है कि इनमें से किसे टिकट दिया जाता है. अभी नाम पर अंतिम मुहर नहीं लगी है लेकिन जो भी नाम तय होंगे, उनके लिये पूरी पार्टी एकजुट होकर लड़ेगी. इसके आगे ने सिंहदेव ने कहा है कि घोषणा पत्र में प्रमुख क्या वादे होंगे यह तय नहीं हुआ है. अभी ऑनलाइन व ऑफलाइन लोगों से सुझाव मांगे गए हैं, इसके बाद तय किया जायेगा. वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस किसानों की कर्जमाफी के लिए फिर से घोषणा कर सकती है? इस परउन्होंने कहा कि यह बड़ा मुद्दा है, अभी आगे क्या घोषणा होगी तय नहीं है.
टीएस बाबा और अमरजीत भगत के बीच क्या चल रहा है?
सिंहदेव ने संभावित उम्मीदवारों के जो नाम गिनाये हैं उनमे दो कांग्रेस सरकार के दौरान पूर्व मंत्री रह चुके हैं. इनमें अमरजीत भगत और सिंहदेव का सरगुजा में दो अलग गुट चलता रहा है. इसमें भगत जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नजदीकी माने जाते रहे हैं, वहीं प्रेमसाय को सरगुजा राज परिवार यानि सिंहदेव का करीबी माना जाता है. ऐसे में आने वाले समय में इन दो पूर्व मंत्रियों में से कांग्रेस किसे लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारती है, यह आने वाला वक़्त ही बताएगा.
राज्य के गठन के बाद अब तक सरगुजा सीट नहीं जीत पाई कांग्रेस
गौरतलब है कि सरगुजा लोकसभा में भाजपा का कब्जा है और यहां रेणुका सिंह सांसद थीं. वहीं इससे पहले कमलभान सांसद रहे हैं. राज्य गठन के बाद हुए अब तक के लोकसभा चुनाव में सरगुजा सीट पर कांग्रेस को एक बार भी जीत नहीं मिली है.