Chhattisgarh News: सरगुजा जिले के बतौली के सिलसिला गांव में स्थित मां कुदरगढ़ी एल्यूमिना प्लांट में रविवार को हुए हादसे में चार मजदूरों की मौत हो गई और एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया. घटना करीब 10:30 बजे हुई और इसके बाद रेस्क्यू अभियान शुरू हुआ. हादसे की वजह हापर के गिरने को बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि हापर में क्षमता से अधिक कोयला लोड कर भेजा जा रहा था और इसी वजह से हॉपर टूट कर मजदूरों के ऊपर गिर गया जिससे यह हादसा हुआ है.
हादसे में 4 लोगों की हुई मौत
सबसे बड़ी बात तो यह है कि घटना के 6 घंटे बाद भी प्लांट के जिम्मेदार और मालिक मौके पर नहीं पहुंचे. सिर्फ तहसीलदार और क्षेत्र के थाना प्रभारी जवानों के साथ पूरे रेस्क्यू अभियान को संचालित करते दिखे. इस दौरान क्षेत्रीय विधायक प्रबोध मिंज मौके पर पहुंचे और उन्होंने अधिकारियों से रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया. 6 घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलता रहा. मां कुदरगढ़ी एल्यूमिना प्लांट शुरू से ही विवादों में रहा है, स्थानीय लोग इस प्लांट को नहीं खोलने देना चाह रहे थे लेकिन इसके बाद भी प्लांट शुरू हो गया और यहां बॉक्साइट से एल्यूमिना बनाया जा रहा था. एलुमिना बनाने के लिए फैक्ट्री के द्वारा कोयला और भूसा के माध्यम से स्ट्रीम तैयार किया जाता था और उसी से फैक्ट्री को संचालित किया जा रहा था इस फैक्ट्री को अगस्त महीने तक सिर्फ भूसा के माध्यम से चलाया गया लेकिन एक सितंबर से भूसा के साथ कोयला डालकर चलाया जा रहा है और हापर पहले सिर्फ भूसा के हिसाब से डिजाइन किया गया था, लेकिन कोयला मिक्स करने की वजह से लोड अधिक बढ़ गया और बताया जा रहा है कि इसी वजह से हापर टूटकर गिर गया और मजदूरों की मौत हो गई.
जानिए क्या रही हादसे की वजह
बताया जा रहा है कि फैक्ट्री को चलाने के लिए फैक्ट्री प्रबंधन ने गुजरात के एक ठेकेदार को दे दिया था और उसके द्वारा मजदूरों को लाकर यहां फैक्ट्री को संचालित किया जा रहा था लेकिन मौके पर न ठेकेदार थे और न ही उनके अन्य कर्मचारी सिर्फ मजदूरों के भरोसे फैक्ट्री को संचालित किया जा रहा था प्लांट के मैनेजर ने बताया कि यह हादसा कैसे हुआ अभी तक साफ नहीं हुआ है हालांकि उन्होंने कहा कि हापर में कोयला का अधिक लोड नहीं था लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिक लोड होने की वजह से ही यह हादसा हुआ है.
हादसे में जिन चार श्रमिकों की मौत हुई है वे मध्यप्रदेश और बिहार राज्य के बताए जा रहे हैं. इनमें मृतकों का नाम रमेश, करण, मनोज प्रिंस बताया गया है. पदूसरी तरफ घायल का इलाज बीकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है.
हादसे के बाद उपजे कई सवाल
1. फैक्ट्री में बिना सेफ्टी इंजीनियर सिर्फ मजदूर करते रहते थे काम.
2. फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूर नहीं थे प्रशिक्षित
3. हादसे के बाद फैक्ट्री प्रबंधन ने पुलिस को नहीं दी तत्काल जानकारी.
घटना के बाद भी फैक्ट्री के मालिक और जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचे. वहीं घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे क्षेत्रीय विधायक प्रबोध मिंज ने कहा है कि मामला गंभीर है और इस पूरे मामले की प्रशासनिक जांच होनी चाहिए.