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Chhattisgarh: पहाड़ियों पर खनिज माफियाओं का कब्जा, बेरंग हो रही अंबिकापुर की खूबसूरती

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अंबिकापुर की पहाड़िया

Chhattisgarh News: सरगुजा जिले में अवैध तरीके से पहाड़ियों को काटकर पत्थर निकाला जा रहा है और उन्हें गिट्टी के क्रेशर में खपाया जा रहा है तो अंबिकापुर शहर में लाकर निर्माण कार्यों में उपयोग में लाया जा रहा है. इसकी वजह से अंबिकापुर शहर के चारों तरफ स्थित पहाड़ियों के अस्तित्व पर खतरा बना रहा है लेकिन खनिज विभाग के अधिकारी कार्यवाही करने की बात तो दूर मौके पर जाकर देखना भी उचित नहीं समझ रहे हैं, वहीं पूरे मामले से अनजान बनने की कोशिश कर रहे हैं.

पहाड़ियों पर खनिज माफियाओं का कब्जा

सरगुजा जिला मुख्यालय अंबिकापुर के चारों तरफ मुख्य मार्गों के किनारे बड़ी-बड़ी पहाड़ियां हैं और इन पहाड़ियों पर माफिया की नजर पड़ गई है, माफिया ने कई पहाड़ियों का अधिकारियों से मिली भगत कर पहले तो ग्रामीणों के नाम पर पट्टा बनवा लिया. उसके कुछ साल बाद जमीन अपने नाम पर रजिस्ट्री करवा ली और अब वहां पर कई अवैध तरीके से पत्थर खदान चल रहे हैं तो कई पत्थर खदान सरकारी भूमि पर भी संचालित हो रहे हैं लेकिन इन अवैध खदानों की वजह से अंबिकापुर शहर के आसपास की खूबसूरत पहाड़ियों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. पहाड़ियों पर माफिया के द्वारा बड़े-बड़े पत्थर खदान शुरू कर दिया गए हैं और स्थानीय ग्रामीण जान जोखिम में डालकर इन अवैध खदानों में रोजी-रोटी के लिए काम कर रहे हैं. इन खदानों में काम करने वाले मजदूर तो यहां तक आरोप लगा रहे हैं कि खनिज विभाग के अधिकारी जांच के लिए पहुंचते हैं तो पत्थरों से लोड वाहनों को फाइन लेकर छोड़ देते हैं लेकिन बदले में कोई रसीद या कागज नहीं देते हैं.

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अंबिकापुर रामानुजगंज मुख्य मार्ग स्थित सोनपुर, रनपुर परसा भकुरा, देवगढ़ सहित उससे लगे गांव में कई खूबसूरत पहाड़ियां है और इन पहाड़ियों की वजह से यहां यहां की खूबसूरती शहर की शोभा बढ़ाती है तो दूसरी तरफ पर्यावरण को भी इसे बेहद फायदा मिल रहा था लेकिन अब यहां के तापमान पर भी अवैध खनन से असर पड़ रहा है। वहीं विस्तार न्यूज़ ने अवैध खनन से छलनी हो रहे पहाड़ियों का दर्द जानने के लिए मौके पर पहुंच कर देखा तो पाया कि बेखौफ़ होकर पत्थर और क्रेशर माफिया अवैध खनन कर रहे हैं उन्हें अधिकारियों के द्वारा की जाने वाली कार्यवाही का तनिक भी फिक्र नहीं है.

बेरंग हो रही अंबिकापुर की खूबसूरती

विस्तार न्यूज़ ने इस क्षेत्र के बुजुर्ग लोगों से भी बातचीत की। बुजुर्गों का कहना था कि जहां पर अवैध तरीके से पत्थर खदान चल रहे हैं वहां पर आज से 50 साल पहले बड़े-बड़े पेड़ हुआ करते थे, घना जंगल था, जंगली जानवरों का विचार होता था, यहां चीता, शेर, चित्तल सहित दूसरे जानवर घूमा करते थे लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने जंगल में कब्जा करना शुरू किया और अब ऐसी तस्वीर है जिसे देखकर उनका भी दिन पसीज रहा है. सरगुजा जिले में अवैध खनन और अवैध परिवहन को रोकने के लिए खनिज विभाग के तीन चेक पोस्ट संचालित हैं लेकिन चेक पोस्ट में लगे बैरियर टूट चुके हैं। यहां पर सिर्फ एक गार्ड की तैनाती की गई है लेकिन गार्ड को भी खनन माफिया इतना धमका देते हैं कि वे कार्यवाही की बात तो दूर अवैध तरीके से परिवहन कर रहे वाहनों को रोकने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाते, यही वजह है कि कर्मचारी भी खनिज माफियाओं की बात मान लेते हैं और डरे सहमे रहते हैं, देखिए चेकपोस्ट का गार्ड बोल रहा जान तो सबको प्यारा है.

दूसरी तरफ सरगुजा जिले के खनिज विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि वे अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं, लेकिन उच्च अधिकारियों का निर्देश ही नहीं मिलता है. वहीं विभाग में वाहनों की भी भारी कमी है जिसकी वजह से वे फील्ड में जाकर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं. वहीं जिला खनिज अधिकारी कार्यवाही को लेकर कोई ठोस बात नहीं कर रहे हैं. वे देखने दिखाने वाली बात कर रहे हैं.

बहरहाल देखने वाली बात होगी कि अवैध खनन पर जिला प्रशासन किस तरीके से रोक लगा पाता है या फिर इसी तरीके से प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर सरगुजा की पहाड़ियों को बर्बाद करने का खेल चलता रहेगा.

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