Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के डॉक्टर्स-वैज्ञानिकों की टीम ने बड़ी सफलता हासिल की है. डॉ अंबेडकर अस्पताल के मल्टी-डिसिप्लिनरी रिसर्च (MRU) यूनिट ने कोविड-19 से जुड़ी एक खास किट का निर्माण किया है. इस कीट की खासयत की बात की जाए तो ये कीट संक्रमण की शुरुआती स्टेज में ही बता देगा कि बीमारी कितनी गंभीर होगी. और रिपोर्ट के आधार पर ही पता किया जा सकेगा की मरीजों के लिए क्या व्यवस्था करनी पड़ेगी.
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तीन साल के परिश्रम से मिली सफलता
डॉ. पाल के नेतृत्व में एमआरयू रिसर्च टीम ने उपलब्ध सीमित संसाधन का उपयोग करके इस दिशा में काम करना शुरू किया और अंततः बायोमार्कर किट विकसित करने में सफलता हासिल कर ली, जिसका उपयोग करके कोरोना के गंभीरता की भविष्यवाणी प्रारंभिक चरण में ही की जा सकती है. इस शोध कार्य में वैज्ञानिकों ने क्यू पीसीआर (Quantitative PCR) आधारित टेस्ट का उपयोग करके एक सीवियरिटी स्कोर विकसित किया जिनकी संवेदनशीलता 91 प्रतिशत और विशेषता 94 प्रतिशत है। इस शोध दल में एक अन्य एमआरयू वैज्ञानिक डॉ. योगिता राजपूत, पेपर की पहली लेखिका ने विभिन्न विभागों के अन्य बहु-विषयक योगदानकर्ताओं के साथ समन्वय करते हुए चुनौतीपूर्ण परियोजना को मूर्त रूप में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.