Chhattisgarh News: पिछले 4 महीनों में बस्तर में नक्सलियों को बड़ा नुकसान हुआ है. अलग-अलग मुठभेड़ों में अब तक 100 से अधिक नक्सलियों को जवानों ने मार गिराया है. नक्सलियों को सबसे अधिक नुकसान अपने सबसे मजबूत गढ़ बीजापुर जिले में ही हुआ है. यही वजह है कि अब नक्सलियों ने 10 DRG जवानों के नाम की हिट लिस्ट जारी की है.
DRG जवानों के नाम नक्सलियों ने जारी किया पर्चा
पिछले 4 महीनों में नक्सलियों के खिलाफ फोर्स बड़े ऑपरेशन चला रही है. बस्तर के सातों जिलों में चल रहे इन ऑपरेशन में नक्सलियों को काफी नुकसान हुआ है. नक्सलियों ने विज्ञप्ति जारी कर अपने कई साथियों के मारे जाने की बात स्वीकार भी की है, लेकिन साथ ही सुरक्षा बलों द्वारा निर्दोष ग्रामीणों की हत्या किए जाने का आरोप भी लगाया है. लगातार होते नुकसान से नक्सली बौखलाए हुए हैं. अब नक्सलियों ने बीजापुर जिले के इंद्रावती नदी के इलाकों में कुछ पर्चे चस्पा किए हैं, इन पर्चों में नक्सलियों ने 10 DRG जवानों के नाम का जिक्र किया है. साथ ही इन्हें जन अदालत लगाकर सजा देने की बात पर्चों में लिखी है.
DRG जवानों के काम से बौखलाए नक्सली
DRG यानि की डिस्ट्रिक रिजर्व गार्ड बस्तर में तैनात जवानों का वह समूह है, जो कि नक्सलियों के खिलाफ काफी कारगर रहा है. DRG में स्थानीय युवाओं के साथ आत्मसमर्पित नक्सलियों को प्राथमिकता दी जाती है. ये जवान बस्तर की भौगोलिक परिस्थितियों के अलावा स्थानीय भाषा से भी वाकिफ होते हैं. यही वजह है कि डीआरजी जवान नक्सलियों के खिलाफ काफी कारगर साबित हुए हैं. लगातार नुकसान झेलते नक्सलियों ने अब 10 डीआरजी जवानों की हिट लिस्ट जारी की है. भैरमगढ़ ब्लॉक के उसपरी और बेलगांव में नक्सलियों की इंद्रावती एरिया कमिटी ने पर्चे लगाए हैं. नक्सलियों ने इन पर्चों में डीआरजी जवानों को गुंडा बताया है. डीआरजी के जवानों पर निर्दोष आदिवासियों को थानों और कैंपों में बुलाकर मारपीट करने के आरोप लगाते हुए 10 डीआरजी जवानों की एक सूची जारी की है.
ये भी पढ़ें- बीजेपी सरकार ने तय की नक्सलवाद खत्म करने की डेडलाइन, जानिए 5 महीनों में नक्सलियों को हुआ कितना नुकसान
सरकारी भवनों में दिखते है, नक्सलियों के छाप
नक्सली पर्चे के साथ ही इस क्षेत्र में मौजूद सरकारी भवनों पर भी नक्सलियों की छाप देखने को मिल रही है. नक्सलियों ने सरकारी भवन में बड़े-बड़े अक्षरों से विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की बात कही है. भैरमगढ़ एरिया कमेटी ने यह नारे दीवारों पर लिखे है. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है की सरकारी भवन में लिखे ये नारे कम से कम 6 महीने पुराने है. लेकिन नक्सली दहशत के चलते इन नारों को हटाया नही जा सका है. नक्सल गढ़ में सरकारी तंत्र की पंहुच को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे है. पेड़ों पर चिपकाए गए नक्सली पर्चों में इंद्रावती एरिया कमेटी का नाम लिखा है… एक पर्चे में नक्सलियों ने स्थानीय ग्रामीणों से पुल पुलिया और सड़क का विरोध करने की भी अपील की है.