Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, क्योंकि यहां धान की पैदावार ज्यादा होती हैं . छत्तीसगढ़ में अलग-अलग किस्म की धान पाई जाती हैं. वही प्रदेश के गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में भी धान की कई किस्में पाई जाती है, जो खाने में अलग-अलग स्वाद और सुगंध देती है. वहीं अगर धान के दूसरे उपयोग की बात करें तो जिले में अब इन्ही धानों से आभूषण व राखी बनाई जा रही है, आने वाले राखी त्यौहार के लिए जिले में पारंपरिक तौर पर धान की राखी बनाने का काम शुरू कर दिया गया हैं.
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20 रुपये से लेकर 80 रुपये तक की मिल रही राखी
यहां महिलाएं धान की राखी बनाकर बाजारों में उपलब्ध कराती हैं, बता दे की प्रदेश भर में धान के राखी की डिमांड काफी बढ़ गई हैं. इसकी कीमत की बात करें तो 20 रुपये से लेकर 80 रुपये तक की राखी बनाई गई हैं. यहां तक की प्रदेश से बाहर बेंगलुरु और केरल में भी धान की राखी सप्लाई की जा रही है, संस्था की प्रमुख और ट्रेनर नीरजा स्वामी ने बताया कि यहां की महिलाओं के पास काम नहीं था और ऐसे समय में ये काम काफी मददगार साबित हो रहा हैं. आदिवासी महिलाओं समेत सभी महिलाओं के लिए घर बैठे रोजगार दिलाने का काम कर रहा है, वही धान से बनी राखी व गहनों को यहां की महिलाएं अब बेहतर ढंग से बना रही है, महिलाएं धान डिजाइन से लेकर पैकेजिंग तक खुद ही कर रही हैं, इन राखियों और गहनों की मांग देश के कोनो कोनो से आ रही है.