Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में पथरापाली सड़क निर्माण में बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है. केंद्र सरकार की कंसल्टेंसी कंपनी को इस सड़क पर 14 जगह खामियां मिली हैं. कहीं किसी जगह तय नियमों का पालन नहीं किया गया है तो कहीं गुणवत्ता पर सवाल खड़े हुए हैं. इसके बाद ठेकेदार के खिलाफ 9 करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान करने का पत्र लिखा गया है.
कंसल्टेंसी कंपनी ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कंपनी यानी एनएचआई के प्रोजेक्ट अधिकारी को इसकी जानकारी देकर जुर्माना वसूलने की बात कही है. लेकिन प्रोजेक्ट के भी अधिकारी ठेकेदार से जुर्माना वसूलने के बजाय कंसल्टेंसी कंपनी को ही अपनी राय बदलने की बात कह रहे हैं. ऐसे में यह मामला केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी तक पहुंच गया है. यह शिकायत छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने खुद ही की है.
ग्रामीणों के विरोध के बाद ओवरब्रिज नहीं बना
बिलासपुर से पथरापाली की यह सड़क 70 किलोमीटर के लगभग बनी है. इनमें खामियों की शुरुआत सेंदरी के पास से शुरू हुई है. यहां ग्रामीणों के विरोध के बाद ओवरब्रिज नहीं बनाया गया है, जिसके कारण एक साल में 6 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं और तीन की मौत भी. चार दिन पहले भी यहां एक 7 साल का बच्चा सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया और उसकी मौत हो गई. इसके बावजूद इस खतरनाक स्पॉट पर सिर्फ बेरिकेड कर इसे छोड़ दिया गया है.
बेलतरा के ग्रामीण कर रहे सर्विस रोड की मांग
इस सड़क पर सबसे बड़ी परेशानी बेलतरा के पास भी हो रही है. यहां के दर्जनों गांव में जाने के लिए लोगों को कई किलोमीटर घूमना पड़ रहा है. सड़क निर्माण और कट नहीं मिलने के कारण उन्होंने यहां एक ओवर ब्रिज की मांग की है ताकि उन्हें इससे ही लगा सर्विस रोड मिले और आने-जाने में तकलीफ नहीं हो.
सड़क पर रात के वक्त चलना दुभर
बिलासपुर से कटघोरा मार्ग तक निर्मित सड़क पर रात के वक्त चलना दुभर हो गया है. कई जगह रिफ्लेक्टर नहीं लगाए गए हैं तो कुछ जगह हाई मास्टर लाइट बंद पड़ी हुई है. इसके चलते सड़क के दोनों तरफ खड़े ट्रक और दूसरी गाड़ियां दिखती नहीं और पीछे की गाड़ी सीधे टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो रही है. यही नहीं इन घटनाओं के चलते एंबुलेंस और चिकित्सा सेवाओं की मांग उठ रही है. लेकिन नेशनल हाईवे डिपार्टमेंट ने अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की है. इसके अलावा बिलासपुर से अंबिकापुर रोड तक जगह-जगह गाय और मवेशियों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो रही है. इसके बावजूद यहां सुधार पर कोई ध्यान देने तैयार नहीं है.