Chhattisgarh: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ में बड़ी कार्रवाई की है. छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश कवासी, उनके OSD रहे जयंत देवांगन, कांग्रेस नेता सुशील ओझा के साथ-साथ लखमा के करीबियों के अलग-अलग ठिकानों पर छापा मारा है. रायपुर और सुकमा में ED के अधिकारियों ने यह कार्रवाई की.
पूर्व मंत्री कवासी लखमा के घर ED का छापा
छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और कोंटा से कांग्रेस विधायक कवासी लखमा के ठिकानों में सुबह से ED की रेड जारी है. शाम करीब 7 बजे अधिकारी लाल बैग लेकर कवासी लखमा के घर के अंदर गए. बताया जा रहा है कि लाल बैग में स्टाम्प और अन्य जरूरी दस्तावेज लेकर गए, जिससे जांच रिपोर्ट बनाई जाएगी.
कवासी लखमा के पूर्व OSD के ठिकानों पर रेड
ED की टीम पूर्व मंत्री कवासी लखमा के ओएसडी रहे जयंत देवांगन के घर भी पहुंची. अशोक रतन स्थित फ्लैट नबर 203 में ED ने छापा मारा. सदस्यों की टीम ने उनके ठिकानों पर छापा मारा है.
सुशील ओझा के यहां 14 घंटे से ED की रेड जारी
पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी और कांग्रेस नेता सुशील ओझा के घर पर 14 घंटे से ED रेड जारी है. GE रोड में मौजूद चौबे कॉलोनी में ED की टीम सुबह से कार्रवाई में जुटी हुई है.
सुकमा में कवासी लखमा के बेटे घर पर भी ED की रेड
रायपुर में कोंटा विधायक कवासी लखमा के घर के अलावा सुकमा में भी ED की टीम ने छापा मारा है. ED के अधिकारियों ने कवासी लखमा के बेटे हरीश कवासी के घर पर छापा मारा है. इसके अलावा नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू के घर पर भी दबिश दी गई है.
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ED के अधिकारियों की मुताबित सुशील ओझा कवासी लखमा के लिए लाइजनिंग का काम करते थे. उन्होंने कवासी लखमा के पैसों का रियल एस्टेट और होटल कारोबार में निवेश कराया है. बताया जा रहा है कि यह निवेश रायपुर और हैदराबाद में है. सुशील ओझा इस समय दुबई में है और 2 जनवरी को वापस लौटने की चर्चा है. ED की टीम ने उनके घर पर सुशील ओझा के भाई, उनकी पत्नी और ड्राइवर से पूछताछ की है.
शराब घोटाले के लेकर जांच
जानकारी के मुताबिक ED की टीम शराब घोटाला मामले की जांच में जुटी हुई है. इसी कड़ी में यह कार्रवाई की गई है. बता दें कि छत्तीसगढ़ में करीब 2200 करोड़ रुपए काे शरब घोटाला मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा का नाम भी शामिल है. ED ने इस घोटालेम में पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को मास्टरमाइंड बताया.
आरोप हैं कि जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी तब प्रदेश में बड़ा शराब घोटाला हुआ. इस बात की जानकारी तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी थी. घोटाला के दौरान कमीशन का एक बड़ा हिस्सा पूर्व मंत्री कवासी लखमा के पास भी जाता था.