Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक ऐसा ग्राम पंचायत है जो करीब 35 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है और इसलिए इस पंचायत के क्षेत्रफल के लिहाज से देश का सबसे बड़ा ग्राम पंचायत घोषित करने की मांग लंबे समय से चली आ रही है. लेकिन बरसात के दिनों में यह ग्राम पंचायत सड़क और नदी में पुल नहीं होने की वजह से देश दुनिया से अलग हो जाता है. वहीं यहां स्थित सरकारी स्कूलों में शिक्षक भी बरसात के दिनों में बच्चों को पढ़ने के लिए नहीं पहुंच पाते हैं. सबसे बड़ी बात तो यह है कि अब तक इस पंचायत के गांव में स्कूल भवन भी नहीं बन पाए हैं, ऐसे में बच्चों को कच्चे मकान में पढ़ाया जाता है तो कई बार पेड़ के नीचे भी.
खोहिर ग्राम पंचायत के पहुंच विहीन क्षेत्र होने की वजह से बरसात के चार महीने का राशन प्रशासन ने पहले ही यहां पहुंचा दिया है इस ग्राम पंचायत में बिजली की भी बड़ी समस्या है अब तक यहां बिजली नहीं पहुंच सकी है वही बिहार पूर्व क्षेत्र के बीच से अधिक गांव में बिजली नहीं है यहां 10 साल पूर्व क्रेड़ा विभाग की तरफ से सोलर सिस्टम लगाया गया था लेकिन अभी सोलर सिस्टम भी खराब हो गया है ऐसे में यहां के लोग शाम ढलते ही अंधेरे के आगोश में चले जाते हैं.
ग्राम पंचायत खोहिर का बड़ा हिस्सा गुरु घासीदास नेशनल पार्क के क्षेत्र में आता है और इस पंचायत के गांव बैजनपाठ, लुल, भुण्डा हैं. इस पंचायत की जनसंख्या 2000 से अधिक है जिसमें पंडो, मझवार और गोंड जनजाति के लोग हैं. स्थानीय पत्रकार पप्पू जायसवाल बताते हैं कि इस गांव में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव पहुंचे थे जब बैजन पाठ के लोगों ने मूलभूत सुविधा नहीं मिलने की वजह से गांव छोड़ने का ऐलान कर दिया था. इसके बाद सीधे उन्हें भरोसा दिया गया था कि गांव में सभी सुविधाएं पहुंचाई जाएगी. लेकिन सरकार बदल जाने के बाद भी इस गांव में विकास नहीं पहुंच सका है. यह अलग बात है कि गांव में सिंहदेव के पहुंचने के बाद सड़क बनाने के लिए लाखों रुपए स्वीकृत हुए लेकिन वह भी भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि वोट के समय सभी पार्टी के नेता गांव में बिजली पानी और सड़क जैसी सुविधाएं पहुंचाने का दावा करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद उनके गांव में कोई आना तक नहीं चाहता. गांव में सड़क बिजली नहीं होने की वजह से लोग यहां के लड़कों के साथ अपनी बेटियों की शादी तक नहीं करना चाहते हैं. बरसात के दिनों में जब किसी का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है तो अस्पताल ले जाने के लिए कोई सुविधा नहीं होता और झाड़ फूंक ही एकमात्र सहारा रह जाता है.
खोहिर ग्राम पंचायत सूरजपुर जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर दूर ओडगी विकासखंड में स्थित है, इस इलाके में अभी भी कुपोषण और अशिक्षा सबसे बड़ी समस्या है लेकिन इससे निपटने ईमानदारी से प्रयास नहीं किया गया है.