Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिला अस्पताल की बदइंतजमी वैसे किसी से छिपी नहीं है. लेकिन अब अस्पताल का सबसे संवेदनशील प्रसूति वार्ड भी सुरक्षित नहीं है. कब मासूम बच्चों को चूहे कुतर दें, इसका डर हमेशा बना रहता है. प्रसूति वार्ड में चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है. पूरे वार्ड में एक-दो नहीं, सैकड़ों की तादात में कॉकरोच बच्चों के बिस्तर से लेकर फर्श पर घूमते नजर आते हैं.
अस्पताल में चूहे भी 24 घंटे वार्ड में दौड़ते नजर आते हैं, जो नवजात बच्चों को कभी भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. प्रसूति वार्ड में स्वजन जो भोजन रखते हैं उसमें भी काकरोच चले जाते हैं. वार्ड में मौजूद महिलाओं ने बताया कि चूहों के डर की वजह से वार्ड में रात को जगे रहना पड़ता है, नहीं तो चूहे नवजात बच्चों को भी नुकसान पहुंचा देंगे.
चूहों और कॉकरोचों के आतंक से मरीज परेशान
दंतेवाड़ा के जिला अस्पताल का प्रसूति वार्ड इन दिनों चूहों और कॉकरोचों का पनाहगाह बन गया है. दिन हो या रात चूहों और कॉकरोचों के आतंक से मरीज परेशान हैं. वार्ड में फैली गंदगी की वजह से ही ये कीड़े मकोड़ों का वार्ड बन गया है. खाने- पीने की चीजों में जाने की आशंका बनी रहती है तो साथ ही इन छोटे कीड़ो से ये भी खतरा बना रहता है कि ये किसी नवजात के नाक और कान में भी जाने का डर रहता है.
इस मामले में कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने संज्ञान लिया है. उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को जमकर फटकार लगाई, अब अस्पताल प्रबंधन की ओर पूरे प्रसूति वार्ड से लेकर जिला अस्पताल में चारों तरफ स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है.
अस्पताल में केवल 18 सफाई कर्मचारी रेगुलर हैं
मामला उजागर होने के बाद जिला अस्पताल के सिविल सर्जन कपिल देव कश्यप कहा कि इस मामले के संज्ञान में आने के बाद हम कार्रवाई कर रहे हैं. साथ ही वार्ड की साफ-सफाई भी कराई जा रही है. सफाई के लिए उन्होंने बाहर से टीम बुलवाया है, जो प्रेस-कंट्रोल करेगी.
कपिल देव कश्यप ने ये भी बताया कि जिला अस्पताल में 18 सफाई कर्मचारी रेगुलर हैं, साथ ही कुछ सुविधाओं की कमी भी है, जिसके लिए उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों को बताया गया है.