Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की धार्मिक नगरी राजिम में पांच साल बाद फिर से राजिम कुंभ का आयोजन होने वाला है. राज्य के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने तीन जिलों के अधिकारियों के साथ तैयारियों के लिए बैठक की है. इसके बाद आयोजन की पूरी तैयारी के लिए अगले 7 दिन में कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए है.
इसके अलावा बैठक में देश के जाने माने साधु-संतों को भी कुंभ में शामिल होने के लिए न्योता देने की तैयारी चल रही है. राजिम त्रिवेणी संगम पर 24 फरवरी से 8 मार्च तक यानी 14 दिन का राजिम कुंभ कल्प का आयोजन किया जाएगा. इसको लेकर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने रविवार को राजिम में गरियाबंद, रायपुर और धमतरी जिले के अधिकारियों की बैठक ली है.
पांच साल बाद राजिम कुंभ का आयोजन
इसमें उन्होंने कहा कि राजिम कुंभ कल्प में तीन पुण्य स्नान होंगे. देशभर से बड़ी संख्या में नागा साधु संत भी कुंभ में आयेंगे. पांच साल बाद राजिम कुंभ की भव्यता लौट रही है. इसलिए यहां विश्वस्तरीय साधु संतों बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री और सिहोर के पंडित प्रदीप मिश्रा भी आयेंगे.
मंत्री ने बताया कि मुख्य मंच के अलावा स्थानीय कलाकारों के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुति के लिए एक अलग मंच बनाने के निर्देश दिए, जिसमें सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक कार्यक्रम चलेगा. इसके अलावा बैठक में जिलों के परिवहन विभाग को समन्वय कर राजिम की ओर सभी दिशाओं से लगभग 100 बस अलग-अलग टाइमिंग में रात 2 बजे तक चलाने के निर्देश दिए.
इन्हें भी मिला निर्देश
खाद्य विभाग को 100 से अधिक संख्या में दाल-भात केंद्र संचालित करने कहा गया है. स्वास्थ्य विभाग को 24 घंटे चिकित्सा व्यवस्था के लिए डॉक्टर और एंबुलेंस के साथ ही गृह विभाग को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. यातायात सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जवानों की तैनाती, फायर ब्रिगेड सहित अन्य सभी आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं.
राजिम कुंभ में भक्तों के लिए लोक निर्माण के अधिकारियों को राजिम के आसपास के सभी सड़कों की मरम्मत करने के निर्देश दिए गए है. इसी प्रकार विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को लाइटिंग, ट्रांसफार्मर, जेनरेटर की व्यवस्था, सजावट, पुल पुलिया में रोशनी की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है.
जबकि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को पेयजल की व्यवस्था के साथ-साथ आयोजन स्थल पर लगभग 300 शौचालय बनाने के लिए कहा गया है. वन विभाग को यज्ञशाला और बेरिकेंटिग के लिए लकड़ी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.